भारत और चीन में बजट होटल सेवा देने वाली स्टार्ट अप कंपनी ओयो होटल्स ने अपने हजारों कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। इससे पता लगता है कि सॉफ्टबैंक द्वारा वित्त पोषित सबसे बड़ी स्टार्टअप कंपनी में कुछ भी अच्छा नहीं चल रहा है।

ओयो में काफी समय से ऐसे कर्मचारियों को बाहर किया जा रहा है, जो कि अपने कार्य में कुशल नहीं हैं। जिन विभागों में छंटनी हुई है उनमें सेल्स, सप्लाई और ऑपरेशन शामिल हैं। जिन लोगों को नौकरी से निकाला गया है, उनकी जगह भविष्य में किसी और को रखने पर भी संदेह के बादल हैं। इसमें उन कर्मचारियों को भी निकाला जाएगा, जिनको अपने कार्य के पहले अच्छी रेटिंग मिली हुई है।
कंपनी के एक अधिकारी ने कहा कि ओयो के कई वर्टिकल्स ऐसे हैं, जहां पर तकनीक का विस्तार हो रहा है और वहां पर लोगों की जरूरत नहीं है। सेल्स टीम में शामिल कुछ लोगों को ग्राहक सेवा टीम या फिर बिजनेस डेवलपमेंट टीम में शिफ्ट किया जाएगा। इसके लिए लोगों को ट्रेनिंग भी कंपनी की तरफ से दी जाएगी।
कंपनी के एक कर्मचारी ने कहा कि जिन लोगों की छंटनी की जाएगी उनकी सालाना सैलरी 10-12 लाख रुपये के बीच है। इन लोगों को हटाने से कंपनी को हर साल करोड़ों रुपये की बचत होगी। कंपनी को पिछले वित्त वर्ष में 2384.69 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। यह पिछले साल के मुकाबले 360.43 करोड़ रुपये ज्यादा है।
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