विभिन्न राज्यों की राजधानियों व ज्यादातर महानगरों में प्याज की कीमत 100 रुपये प्रति किलोग्राम को पार कर गई है। वहीं, उपभोक्ताओं को निकट भविष्य में प्याज की किल्लत से राहत मिलती नहीं दिख रही है। हालांकि, सरकार की माने तो प्याज आयात किया गया है, जिसकी पहली खेप 20 दिसंबर को भारत पहुंचने की संभावना है। आयातित प्याज के देश पहुंचने के साथ इसकी कीमतों में कमी हो सकती है। सरकार ने संसद में एक सवाल के जवाब में यह बात कही। खरीफ सीजन वाली प्याज की फसल खराब होने से पैदावार में भारी कमी आई है। इसी कारण प्याज की कीमत आसमान छू रही है।
केंद्रीय उपभोक्ता मंत्रलय के दैनिक मूल्य निगरानी सेल की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, देश में प्याज का अधिकतम मूल्य 165 रुपये व न्यूनतम 42 रुपये प्रति किलोग्राम दर्ज किया गया है। देश के 100 से अधिक शहरों में प्याज का औसत मूल्य 100 रुपये प्रति किलोग्राम है।
महानगरों एवं राजधानियों में भाव सबसे ज्यादा
महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई, पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता, तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई, असम के प्रमुख शहर गुवाहाटी, त्रिपुरा की राजधानी अगरतला, मणिपुर की राजधानी इंफाल, मेघालय की राजधानी शिलांग, अहमदाबाद, उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ, बिहार की राजधानी पटना, पंचकुला, हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला, उत्तराखंड की राजधानी देहरादून और पंजाब एवं हरियाणा की राजधानी चंडीगढ़ में प्याज 100 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बिक रहा है।
संसद में भी रोज उठ रहा प्याज की कीमत का मुद्दा
संसद में भी प्याज की कीमत का मुद्दा रोजाना उठाया जा रहा है। शुक्रवार को भी राज्यसभा में सवाल पूछे गए। इसके जवाब में केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री दानवे रावसाहेब दादाराव ने बताया कि आयातित प्याज की खेप के 20 दिसंबर तक पहुंचने की संभावना है। दुनिया के विभिन्न देशों में प्याज की उपलब्धता पर काम जारी है। सरकारी एजेंसी एमएमटीसी इसमें जुटी हुई है। खरीफ सीजन वाली प्याज की पैदावार में भारी गिरावट आई है। पहले मानसून की अधिक देर तक होने वाली भारी बारिश ने प्याज की फसल को काफी नुकसान पहुंचाया है।