गधों की आबादी के लिहाज से चीन का नंबर दुनिया में पहला है। इसके बावजूद वह पाकिस्तान से लाखों गधों को खरीद रहा है। दरअसल, चीन में गधों को काफी खास माना जाता है क्योंकि इनका इस्तेमाल पारंपरिक चीनी दवा बनाने में किया जाता है। गधों की खाल से तैयार होने वाले जिलेटिन में औषधीय गुण होते हैं। इससे खून और इम्यून सिस्टम बेहतर होता है।
चीन की इस पेशकश से पड़ोसी देश पाकिस्तान की आर्थिक समस्या का कुछ समाधान निकल सकता है। लिहाजा, आर्थिक तंगी का सामना कर रहा पाकिस्तान भी इसके लिए तैयार हो गया है। इसके बदले में पाकिस्तान को करोड़ों रुपए मिलेंगे।
देश के निर्यात को बढ़ाने के लिए लाइव स्टॉक डिपार्टमेंट ने कहा है कि देश में पहली बार गधों के खास फार्म शुरू किए जाएंगे। डेरा इस्मायल खान और मनसेहरा में विदेशी साझेदारी में फार्म शुरू किए जा रहे हैं। पहले तीन वर्षों में सरकार करीब 80 हजार गधों का निर्यात चीन को करना चाहती है।
जनवरी में आई एक खबर के मुताबिक, अफ्रीका से एक व्यक्ति जोसेफ कामोनजो कारियूकी के तीन गधे चोरी हो गए थे और बाद में इनके अवशेष मिले। ऐसा यहां के कई लोगों के साथ हुआ है। पशु अधिकार समूहों का कहना है कि चीन मे जिलेटिन की मांग काफी ज्यादा है, जिस वजह से अफ्रीकी देशों से चोरी कर गधों की खाल को चीन भेजा जा रहा है।