आपने कई लोगों को ये कहते सुना होगा कि उन्हें बाथरूम में बहुत सुकून मिलता है। कई लोगों का तो ये भी कहना होता है कि उन्हें अपने घर के बाथरूम में जो शांति मिलती है वो उन्हें कहीं नहीं मिलता। बाथरूम को लेकर सबकी अपनी सोच हो सकती है लेकिन क्या आप जानते हैं हम सभी नहाने के दौरान लगभग एक सी बातें सोचते हैं। खासतौर पर लड़कियां नहाने के दौरान ज्यादातर लड़कियों के दिमाग में एक सी ही बातें चलती हैं।नहाते समय ज्यादातर लड़कियों के मन में चलती हैं ये बातें..
आज तारीख कौन सी है? कहीं आज मेरे पीरियड्स की डेट तो नहीं? या कितने दिन बाकि है। 
बिना कपड़ों के मैं कितनी बेडौल दिख रही हूं, मुझे जल्दी से जल्दी एक्सरसाइज करना शुरू कर देना चाहिए।
क्या मैं अपने ब्वॉयफ्रेंड को फोन करके अभी बुला लूं? जब तक वो आएगा मैं तैयार हो जाउंगी और फिर बहार चलते है। 
क्या मुझे आज अपने बाल धोने चाहिए? रहने देती हूं, आज नहीं धोती हूं, वैसे भी मुझे आज किसी से मिलना नहीं है.
अगर मैं चाहूं तो मैं अच्छा गा सकती हूं। मुझे सिर्फ थोड़ी प्रैक्टिस की जरूरत है। ज्यादातर लड़कियों को बाथरूम में गाना गाने का शौक होता है।
हे भगवान! मैं गंजी न हो जाऊं…पूरे फर्श पर बाल ही बाल…
मुझे नहाने से पहले ही अपने पैरों के बाल शेव कर लेने चाहिए थे. अब मैं स्कर्ट नहीं पहन पाउंगी.
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