Nirbhaya case: साल 2012 में हुए वंसत विहार सामूहिक दुष्कर्म मामले में फांसी की सजा पाये चार में से तीन दोषियों ने तिहाड़ जेल प्रशासन को अपना जवाब सौंप दिया है। कोर्ट के आदेश के बाद जेल प्रशासन को दिए गए जवाब में तीन दोषियों ने कहा है कि फांसी से बचने के लिए क्यूरेटिव पिटीशन और दया याचिका का विकल्प उनके पास मौजूद हैं।
दरअसल निर्भया की मां ने कोर्ट में याचिका दाखिल कर दोषियों को जल्द से जल्द फांसी देने की मांग की है। निर्भया की मां की याचिका पर कोर्ट ने बचाव पक्ष को नोटिस देकर पूछा था कि क्या वे फांसी की सजा से बचने के लिए कोई कानून विकल्प अपना रहे हैं।
इससे पहले चारों दोषियों अक्षय, विनय, मुकेश और पवन को फांसी के लिए डेथ वारंट जारी करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए पटियाला हाउस कोर्ट में तिहाड़ जेल प्रशासन से कहा था कि वे दोषियों को दया याचिका दायर करने के लिए नए सिरे से नोटिस जारी करें। जेल प्रशासन दोषियों से पूछे कि क्या वे दया याचिका दायर करना चाहेंगे। इस मामले में अगली सुनवाई 7 जनवरी को होगी।
मामले की सुनवाई के दौरान तिहाड़ जेल में बंद चारों दोषियों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये कोर्ट में पेशी हुई थी। 13 दिसंबर को निर्भया के दोषियों के डेथ वारंट से जुड़ी याचिका पर सुनवाई टाल दी गई थी। इसके पीछे यह तर्क दिया गया था कि एक दोषी अक्षय कुमार सिंह की पुनर्विचार याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है।
बता दें कि दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में डेथ वारंट से जुड़ी याचिका निर्भया के माता-पिता ने दायर की है। याचिका में मांग की गई है कि फांसी की सजा पाए चारों दोषियों अक्षय, विनय, पवन और मुकेश को फांसी देने के लिए डेथ वारंट जारी किया जाए। चारों दोषियों को निचली अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक फांसी की सजा सुनाई गई है।