शैक्षणिक सत्र 2024 से घर बैठे छात्रों को पहली बार दो विदेशी विश्वविद्यालयों में मॉस्टर्स की पढ़ाई का मौका मिलने जा रहा है। भारत में जुलाई सत्र से ऑस्ट्रेलिया के डीकिन और वॉलोन्गाॅन्ग विश्वविद्यालय अपना पहला बैच शुरू करेंगे। इसके लिए आवेदन जनवरी और मार्च से शुरू हो जाएंगे। खास बात यह है कि ऑस्ट्रेलिया ने भारतीय शिक्षा व्यवस्था में बदलाव लाने वाली राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी)2020 की सिफारिशों को समर्थन दिया है। इसी के तहत उनके दोनों विश्वविद्यालयों ने अंतरराष्ट्रीय मानकों समेत एनईपी 2020 के अनुरूप भारतीय कैंपस में उच्चशिक्षा की पढ़ाई करवाने की बात दोहराई है।
केंद्रीय शिक्षा व कौशल विकास मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और ऑस्ट्रेलिया के शिक्षा मंत्री जेसन क्लेयर के साथ मंगलवार को गांधीनगर के गिफ्ट सिटी में निर्माणाधीन वॉलोन्गाॅन्ग और डीकिन विश्वविद्यालयों के आगामी कैंपस की साइट का दौरा किया। इसके बाद दोनों देशों के शिक्षामंत्रियों ने कहा कि भारत में पहले दोनों विदेशी विश्वविद्यालय अगले शैक्षणिक सत्र से पहला बैच शुरू कर देंगे। प्रधान ने कहा कि छात्रों को दीवाली से पहले एक तोहफा मिल रहा है कि अब उन्हें घर बैठे विदेशी विश्वविद्यालय से पढ़ाई का मौका मिलेगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी)-2020 के अनुरूप ऑस्ट्रेलिया के दो विश्वविद्यालय गिफ्ट सिटी में अपने-अपने अंतरराष्ट्रीय परिसर स्थापित कर रहे हैं, जो शिक्षा के अंतरराष्ट्रीयकरण और भारत में प्रख्यात शिक्षण संस्थानों की उपस्थिति को रेखांकित करता है।
उधर, ऑस्ट्रेलिया के शिक्षामंत्री जेसन क्लेयर ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया और भारत अलग-अलग देश हैं और उनके समक्ष अलग-अलग चुनौतियां भी हैं। गिफ्ट सिटी के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी तपन रे ने बताया कि पांच से सात साल के भीतर यहां 64 बहुमंजिला इमारतें होंगी, जिससे इसके अंतरराष्ट्रीय वित्त केंद्र होने का एहसास होगा। उन्होंने बताया कि गिफ्ट सिटी को कुल 4.4 करोड़ वर्ग फुट में विकसित करने की योजना बनाई गई है जिसमें से 2.2 करोड़ फुट में वाणिज्यिक, रिहायशी और सामाजिक अवसंरचना का विकास किया जाएगा।
80 फीसदी तक भारतीय शिक्षकों को जगह
देश के पहले दो विदेशी विश्वविद्यालयों के कैंपस गुजरात के गांधीनगर स्थित गिफ्ट सिटी में खुल रहे हैं। दो ऑस्ट्रेलियाई विश्वविद्यालयों के इन दोनों अंतरराष्ट्रीय कैंपस में करीब 20 फीसदी शिक्षक विदेशी होंगे। जबकि करीब 80 फीसदी तक भारतीय शिक्षकों को रोजगार मिलेगा। वहीं, छात्रों को घर बैठे विदेशी विश्वविद्यालयों से गुणवत्ता युक्त सस्ती शिक्षा मिलेगी।
पहले बैच का मॉस्टर्स पाठ्यक्रम जुलाई से
डीकिन विश्वविद्यालय के कुलपति इयान मार्टिन ने बताया कि संस्थान साइबर सुरक्षा और कारोबार विश्लेषण में पहले बैच से परास्नातक पाठ्यक्रम शुरू करेगा। इसके लिए सालाना फीस 10.7 लाख रुपये होगी। इस पाठ्यक्रम में ऑनलाइन आवेदन पत्र भरने की तारीख 31 मार्च रहेगी। जबकि एक जुलाई से पाठ्यक्रम शुरू किया जाएगा। वहीं, वॉलोन्गॉन्ग विश्वविद्यालय की कुलपति पैट्रीशिया डेविडसन ने वैश्विक वित्त केंद्र और वैश्विक वीमेन फिनटेक कॉरपोरेशन की घोषणा की। विश्वविद्यालय के पहले बैच की पढ़ाई अगले साल यानी जुलाई 2024 से होगी। अधिकारियों काे उम्मीद है कि पहले बैच में उन्हें 150 से अधिक छात्र मिल जाएंगे। दोनों विवि आर्थिक रूप से कमजोर भारतीय होनहार छात्रों को मेरिट के आधार पर स्कॉलरशिप भी देंगे।
भारत-कनाडा विवाद पर साधी चुप्पी
भारत-कनाडा के बीच चल रहे विवाद से जुड़े एक सवाल पर आस्ट्रेलिया के शिक्षा मंत्री ने कहा कि वह इस कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते। यह दोनों देशों के बीच का मामला है। वह कोई टिप्पणी नहीं करेंगे। लेकिन अगर कोई भारतीय छात्र उनके यहां पढ़ाई करने आता है तो वह उसका स्वागत करेंगे।
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