एजेंसी/ नई दिल्ली : राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने केंद्र सरकार को मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन हेतु नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट को एक वर्ष तक के लिए रद्द कर दिया गया है। महामहिम राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा उनसे मिले। इस दौरान सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय से सहमति जताने के बाद सरकार पलटी मार रही है। प्रणब दा इस मामले में कानूनी सलाह भी ले रहे हैं। कैबिनेट बैठक में पारित किए गए अध्यादेश के अनुसार नीट के माध्यम से सरकारी और निजी मेडिकल महाविद्यालयों में और निजी संस्थानों में प्रवेश हेतु आवेदन देने वाले विद्यार्थियों का एडमिशन नीट के माध्यम से हो जाएगा।
इस मामले में एनडीटीवी से चर्चा करते हुए स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा द्वारा कहा गया कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश को लेकर किसी तरह के असमंजस हालात नहीं हैं। उनका कहना था कि नीट को लागू कर दिया गया। हालांकि राज्य इस मामले में काफी चिंताऐं जता रहे हैं। उल्लेखनीय है कि राज्यों द्वारा आयोजित की जा रही परीक्षाऐं, पाठ्यक्रम की समानता और नीट परीक्षा में क्षेत्रीय भाषा में लिखने का विकल्प भी शामिल किया गया।
जेपी नड्डा द्वारा कहा गया कि इस तरह की चिंताओं को लेकर सर्वदलीय बैठक में भी मसला उठा। नीट – 2 की परीक्षा 24 जुलाई को निर्धारित की गई है। यदि राष्ट्रपति अध्यादेश पर हस्ताक्षर करते हैं तो इसे स्थगित किया जा सकता है। इस मामले में यह बात सामने आई है कि नीट – 1 में लगभग 6.5 लाख विद्यार्थियों ने परीक्षा का आयोजन किया।
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal