16 मार्च राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस (नेशनल वैक्सीनेशन डे) के रूप में मनाया जाता है। इसका उद्देश्य सभी उम्र के लोगों को बीमारी से बचाने के लिए टीकों के उपयोग को बढ़ावा देना है। टीकाकरण से हर साल लाखों लोगों की जान बचाई जाती है। साथ ही, वैश्विक रूप से दुनिया के सबसे सफल और लागत प्रभावी स्वास्थ्य बचाव कार्यों में से एक के रूप में पहचाना जाता है। जिसके बावजूद आज भी दुनिया में लगभग 2 करोड़ बच्चे ऐसे हैं जो टीकाकरण से वंचित हैं। कहीं आपका बच्चा भी इससे वंचित न रह जाए इसलिए जान लें कौन सा टिका लगवाना बेहद जरुरी है।
गर्भवती महिला एंव गर्भ मे पल रहे शिशु को टिटेनस की बीमारी से बचाने के लियेटिटेनसटाक्साइड 1 / बूस्टर टीका और दूसरा टीका एक महिने के अंतर में लगवाएं। अगर पिछले तीन वर्ष मे दो टीके लगे हों तो केवल एक टीका लगवा लेना ही काफी होता है।
हीपेटाटिस बी वायरस के संक्रमण से लीवर की सूजन आ जाती है, पीलिया हो जाता है और लंबे समय तक संक्रमण के बाद लीवर कैंसर का भी खतरा हो सकता है। यह टीका बेहद जरूरी है जो हिपेटाइटिस बी के संक्रमण से बचाव करता है।
डीपीटी टीकों की एक श्रेणी होती है, जो इंसानो को होने वाले तीन संक्रामक बीमारियों डिफ्थीरिया, पर्टुसिस (काली खांसी) और टिटनेस से बचाव के लिए दिए जाते हैं।
पोलियो का टीका पोलियो नामक बीमारी जिसमें बच्चे अपंग हो जाते हैं, से सुरक्षा प्रदान करता है। ये टीका भी बच्चों को जरूर लगवाना चाहिए।
बच्चे को टी.बी से बचाने के लिए अनिवार्य रूप से बी सी जी का टीका लगवा दें। बी.सी.जी. का टीका लग जाने पर शिशु को टी.बी की बीमारी से बचाया जा सकता है।
हिब वेक्सीन का टीका बच्चों को डिफ्थीरिया, काली खांसी, टेटनस, हेपेटाइटिस-बी और एच इन्फलांजी-बी से सुरक्षित रखता है। हिब बेक्टीरिया के संक्रमण से न्यूमोनिया एवं मष्तिष्क ज्वर (मेनिनजाइटिस) जैसी गंभीर बीमारी हो सकती हैं।