Mahashivratri : इंदौर के गेंदेश्वर द्वादश ज्योतिर्लिंग मंदिर में गुरुवार को शिव विवाह का उत्सव आरंभ हो गया। इस दौरान महिलाओं और युवतियों ने खूब हल्दी-गुलाल उड़ाया और भजनों पर जमकर नृत्य किया।शिवरात्रि से एक दिन पहले भगवान शिव को दूल्हा बनाया जाता है। इस दौरान शिवलिंग को हल्दी लगाई जाती है। इस परम्परा में शिवलिंग को हल्दी के साथ कंडे की राख और विभिन्न रंग अर्पित किए जाते हैं। इस रस्म में बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल होकर भजनों पर नृत्य करती है।
परदेसीपुरा क्षेत्र में स्थित गेंदेश्वर द्वादश ज्योतिर्लिंग मंदिर में पांच दिनी शिव विवाह महोत्सव की शुरुआत बुधवार को हो गई थी। इसकी शुरुआत भगवान श्री गणेश की पूजन कर की गई। इस अवसर पर शिवधाम भक्त मंडल की महिलाओं द्वारा भजन किए। आज पार्थिव महाकाली प्रतिमा पूजन, नवचंडी पाठ किया गया। साथ ही भगवान भोलेनाथ का सोने के पात्र से हल्दी युक्त दूध से अभिषेक किया गया। 21 फरवरी को भस्म आरती और स्वर्ण कलश अभिषेक होगा।
महाशिवरात्रि के अवसर पर शहर के शिव मंदिरों हवन-पूजन सहित विभिन्न अनुष्ठान किए जाएंगे। श्रद्धा सुमन सेवा समिति द्वारा केसरबाग रोड भोलेश्वर महादेव मंदिर पर 16 फलों के रस से महाभिषेक होगा। पिछले 27 वर्षों से इस मंदिर पर फलों के रस से द्वादश ज्योतिर्लिंग का महाभिषेक अनुष्ठान भक्तों द्वारा किया जा रहा है।
नौलखा मनकामेश्वर कांटाफोड़ शिव मंदिर पर भी चार दिवसीय शिवरात्रि महोत्सव मनाया जा रहा है। शिवरात्रि पर भगवान शिव का पशुपतिनाथ के रूप में सजाकर उन्हें शीशमहल में विराजित किया जाएगा। श्रंगार दर्शन शाम 6 बजे से होंगे। भगवान शिव को मेहंदी लगाई गई, उबटन स्नान कराया गया।
संस्था नमो नवग्रह शनि द्वारा महाशिवरात्रि पर बाणेश्वर कुंड से भगवान शिवजी की शोभायात्रा सुबह 11 बजे निकाली जाएगी। इसमें 12 ज्योतिर्लिंगों की झांकी आकर्षण का केंद्र होगी।
रिवर साइड रोड स्थित झंझासिंह व्यायामशाला में सिद्धेश्वर महादेव मंदिर पर भोलेनाथ का भांग व मेवे से श्रृंगार किया जाएगा। इस अवसर पर दोपहर 2 बजे से भांग का प्रसाद वितरित किया जाएगा। साथ ही मंदिर को फूलों से सजाया जाएगा।