मंदिर ही नहीं बना बल्कि मानवता व सनातन के सम्मान का मंदिर बना है। देवकीनंदन महाराज ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी को नहीं मालूम है कि उनकी क्या मंजिल है। आज का युवा बस एक अच्छा घर, एक अच्छा पार्टनर और एक अच्छी जॉब, इन्हीं सब के आलावा युवा को अपने माँ-बाप कि भी ज़रूरत नहीं है। मनुष्य के अंदर जो अकेलापन होता है उसके लिए ही रामायण होती है। इसलिए बार-बार रामकथा और भागवत कथा होनी चाहिए।
देवकीनंदन महाराज ने कहा कि भगवान पर कभी संदेह नहीं करते हैं, श्रीराम कण-कण में हैं। मनुष्य को अपने सामर्थ्य के अनुसार परोपकार करते रहना चाहिए। जैसे मनुष्य के पास 24 घंटे होते हैं तो उसमें से कुछ समय परोपकार के लिए निकालना चाहिए। अपने जीवन में तन, मन, धन, समय सब कुछ परोपकार में लगाना चाहिए। परोपकार करने से कभी कुछ कम नहीं होता है बल्कि बढ़ता ही है। मनुष्य के जीवन में एक भी समस्या ऐसी नहीं है जिसका समाधान रामायण में न हो। आजकल की समस्या यह है कि शादियां हो जाती है लेकिन टिकती नहीं हैं जिसके कारण व्यक्तियों के घर टूट रहे हैं। इस का भी समाधान केवल और केवल रामायण में ही है। लोगों को अपने बेटे-बेटियों को और पोते-पोतियों को रामायण का पाठ जरूर करना चाहिए।
जिस घर में रामायण का पाठ होता है उसे घर में कलह कभी नहीं होती। उन्होंने कहा हिंदू संस्कृति में आजकल शादी के बाद हनीमून कल्चर हो गया है, उसकी जगह नए वर-वधु को राम के तीर्थ पर जाना चाहिए जहां से मालूम पड़ेगा की शादी को कैसे निभाना है और शादी के बाद परिवार को कैसे चलना है यह सिर्फ रामायण ही सिख सकती है।
!! जय श्री राम !!
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal