भारत-चीन सीमा मामलों पर परामर्श एवं समन्वय के लिये कार्यकारी तंत्र ( Working Mechanism for Consultation and Coordination, WMCC) की बैठक गुरुवार को होगी। दरअसल यह बैठक दोनों देशों की सीमा ‘वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC)’ पर से सेनाओं को हटाने व वहां जारी तनाव को कम करने के लिए जारी वार्ता का एक हिस्सा है। इस वार्ता का मकसद पूर्वी लद्दाख में गत मई माह से जारी सीमा गतिरोध को खत्म करने का है। इसके तहत सीमा पर तैनात सैनिकों को हटाने की प्रक्रिया पर बातचीत होगी ताकि दोनों देशों के बीच शांति बहाली हो सके। यह वार्ता वर्चुअली की जाएगी।
WMCC की 17वीं बैठक पिछले माह हुई जिसमें दोनों देशों के बीच सीमा पर तनाव कम करने व सेनाओं को हटाने को लेकर सहमति बनी थी। यह सहमति द्विपक्षीय समझौते और प्रोटोकॉल के आधार पर हुई ताकि दोनों देशों के बीच शांतिपूर्ण संबंध बहाल हो सके। इससे पहले 24 जुलाई को हुई WMCC वार्ता में चीनी पक्ष का नेतृत्व चीन के विदेश मंत्रालय के तहत आने वाले सीमा एवं समुद्री मामलों के विभाग के महानिदेशक होंग लियांग ने किया था। इसके बाद विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर बताया था कि दोनों देश द्विपक्षीय समझौते एवं प्रोटोकॉल के आधार पर सीमा से सैनिकों को शीघ्र हटाने को लेकर सहमत हैं। बता दें कि 2 अगस्त को दोनों देशों की सेना के बीच कोर कमांडर स्तर की पांचवें दौर की वार्ता हुई थी।
WMCC वार्ता की अध्यक्षता दोनों देशों के ज्वाइंट सेक्रेटरी स्तर के अधिकारी करते हैं। राजनयिक और सेना स्तर पर कई बार वार्ता के बावजूद भी डेपसांग , गोगरा और फिंगर एरिया से चीन नहीं हटा है। तीन महीने से भी अधिक समय से फिंगर एरिया में चीनी सेना मौजूद है। केवल इतना ही नहीं यहां बंकर बनाकर वह अपने बेस को मजबूत ठिकानों में बदल रहा है। भारत ने उम्मीद जताते हुए कहा है कि पूर्वी लद्दाख में LAC के पास से सेना को हटाने चीन ईमानदारी के साथ काम करेगा और सीमा क्षेत्रों में शांति बहाल हो सकेगी।