पूर्वी लद्दाख में एक्चुअल लाइन ऑफ कंट्रोल (LAC) पर तनाव के बीच डिसएंगेजमेंट की प्रक्रिया को लेकर चीन के अनिच्छुक रवैया के बीच शीर्ष नेताओं की आज बैठक होनी है. पूर्वी लद्दाख में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के साथ चल रहे तनाव से निपटने के लिए भारतीय रणनीति पर चर्चा के लिए शीर्ष नेता आज एक बैठक करेंगे.
सरकार के शीर्ष सूत्रों ने मीडिया को बताया, ‘वरिष्ठ राजनेताओं को भारतीय सैन्य और राजनयिक अधिकारी स्थिति से अवगत कराएंगे, जहां 20 जुलाई से चीन ने किसी प्रक्रिया पर आगे बढ़ने से इनकार कर दिया है.’ इस बैठक को महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि भारत और चीनी पक्ष सीमा पर चल रहे तनाव का कोई हल नहीं निकाल पाए हैं. दोनों देशों के बीच कई दौर की वार्ता के बाद भी समाधान के आसार नजर नहीं आ रहे हैं.
बता दें कि चीन और भारत के बीच अंतिम बार दौलत बेग ओल्डी में बैठक का आयोजन हुआ था. 3 डिवीजन कमांडर मेजर जनरल अभिजीत बापट और उनके चीनी समकक्ष की अध्यक्षता में यह बैठक हुई थी. गलवान क्षेत्र के उत्तर में डेपसांग के मैदानी इलाकों से सैनिकों को हटाने के लिए भारत और चीन के बीच 8 अगस्त को मेजर जनरल-स्तरीय बातचीत हुई थी.
यह बातचीत दौलत बेग ओल्डी में हुई थी. भारत की तरफ से 3 माउंटेन डिवीजन के जनरल ऑफिसर कमांडिंग मेजर जनरल अभिजीत बापट वार्ता की अगुवाई कर रहे थे. वहीं चीन की तरफ से पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के सीनियर कर्नल हान रुई थे ने बैठक की अगुवाई की.
बैठक में चीन ने भारत को डीबीओ और पूर्वी लद्दाख सेक्टर में LAC के किनारे से सैनिकों को हटाने के लिए कहा है, लेकिन भारत ने उन्हें बताया है कि चीनी सैनिकों के जमावड़े की प्रतिक्रिया में भारतीय सैनिक यहां तैनात हैं. चीन का यह भी कहना था कि वह फिंगर 5 के पास के फिंगर एरिया में अपने ऑब्जर्वेशन पोस्ट को बनाए रखेगा. साफ है कि इससे वह पैंगॉन्ग झील के किनारे के इलाके पर अपना दबदबा कामय रख पाएगा.
हाल ये है कि चीन ने अपने तंबू और वाहनों को फिंगर एरिया में बनाए हुए है जबकि भारत से अपने सेना के जवानों को हटाने के लिए कह रहा है. भारत ने चीन की मांग को खारिज कर दिया है. रक्षा मंत्रालय ने 5 अगस्त को स्वीकार किया था कि चीनी सैनिकों ने भारतीय क्षेत्र में कई इलाकों में घुसपैठ (transgressed) किया है. इसमें कोंगरूंग नाला और पैंगोंग त्सो झील क्षेत्र शामिल हैं.