पश्चिम बंगाल में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर पथराव के बाद गृह मंत्रालय (MHA) ने मामले में लापरवाही के आरोप में बंगाल के तीन IPS अधिकारियों पर बड़ा फैसला लिया है. इन्हें केंद्र में तैनात कर दिया गया है. MHA ने IPS कैडर रूल 6(1) के तहत यह कारवाई की. ऐसे में केंद्र सरकार और पश्चिम बंगाल सरकार में एक बार फिर से टकराव बढ़ सकता है. सीएम ममता बनर्जी ने इस मसले पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है.

उधर, MHA ने बंगाल के जिन तीन आईपीएस अधिकारियों को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति (सेंट्रल डेप्युटेशन) पर सेवा के लिए पत्र लिखकर बुलाया था, उनको ममता बनर्जी सरकार ने भेजने से इनकार कर दिया था. जिसके बाद आज फिर से MHA ने बंगाल सरकार को पत्र लिखा है. इस पत्र में कहा गया है कि तीनों IPS अधिकारियों को तत्काल कार्य मुक्त किया जाए.
बता दें कि इन तीन अधिकारियों के नाम हैं- राजीव मिश्र, प्रवीण कुमार त्रिपाठी और भोलानाथ पांडे, जिनको MHA ने तत्काल दिल्ली बुलाया है. MHA ने पत्र में यह भी कहा कि यदि राज्य उन्हें कार्य मुक्त नहीं करती है तो ये DoPT के क्लॉज 6(1) A का उल्लंघन होगा.
MHA ने भोलानाथ पांडे को 4 साल के लिए BPRD में एसपी के पद पर तैनात किया है. प्रवीण कुमार त्रिपाठी को SSB में DIG के पद पर पांच साल के लिए भेजा है. साथ ही राजीव मिश्रा को ITBP में पांच साल के लिए आईजी के पद भेजा है. इस बाबत गृह मंत्रालय ने बंगाल के गृह सचिव और डीजीपी को चिठ्ठी लिख कर जानकारी दी.
वही, इस मसले पर सीएम ममता बनर्जी ने कहा है कि राज्य की आपत्ति के बावजूद पश्चिम बंगाल के 3 सेवारत IPS अधिकारियों के लिए केंद्रीय प्रतिनियुक्ति का आदेश IPS कैडर नियम 1954 के आपातकालीन प्रावधान की शक्ति का दुरुपयोग है. उन्होंने कहा कि केंद्र राज्य के अधिकार क्षेत्र का अतिक्रमण कर रहा है. यह असंवैधानिक और पूरी तरह से अस्वीकार्य है.
आपको बता दें कि ये पूरा मामला जेपी नड्डा के बंगाल दौरे से जुड़ा है. यहां नड्डा के काफिले पर हमले और उनकी सुऱक्षा में लापरवाही के बाद केंद्र ने बंगाल के डीजीपी और मुख्य सचिव को तलब किया था. लेकिन वो हाजिर नहीं हुए. बाद में MHA ने 3 IPS अधिकारियों को दिल्ली बुला लिया, लेकिन बंगाल सरकार ने भेजने से मना कर दिया. ऐसे में अब केंद्र की ओर नया कदम उठाया गया है.
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