इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में मंगलवार को चेन्नई के चेपॉक स्टेडियम में मुंबई इंडियंस (MI) और चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) के बीच पहला क्वालीफायर (Qualifier) खेला जाएगा। चेन्नई की पिच इस सीजन में काफी धीमी रही है, जहां रन बनाना आसान नहीं होता इसलिए ऐसे में टॉस काफी मायने रखता है। इस सीजन में अब तक खेले 7 मैचों में 5 बार टॉस जीतने वाली टीम ने ही जीत हासिल की है। आइए जानते हैं ऐसे ही चार प्वॉइंट जो इस मैच का रुख बदल सकते हैं।
टॉस बनेगा बॉस-
चेपॉक की पिच पर टॉस जीतना लगभग मैच जीतने जैसा है। टॉस जीतने वाली टीम की सफलता का औसत लगभग 80 फीसदी है। चेपॉक की पिच इस साल कुछ ज्यादा ही धीमी है, ऐसे में दोनों टीमें पहले गेंदबाजी करना चाहेंगी। हालांकि, मुंबई इसी सीजन में इस मैदान पर चेन्नई के खिलाफ टॉस हारकर भी मैच जीत चुकी है।
स्पिनर्स का जलवा-
चेपॉक के मैदान में इस पूरे सीजन स्पिनर्स का जलावा रहा है। इमरान ताहिर, हरभजन सिंह और रवींद्र जडेजा ने इस आइपीएल में अपनी गेंदबाजी से चेन्नई को कई मैच जिताए हैं। पर्पल कैप की रेस में दूसरे स्थान पर मौजूद ताहिर ने चेन्नई की इस पिच पर दिल्ली के खिलाफ 12 रन देकर 4 विकेट लिए थे। फिरकी के दबदबे को हम इस बात से समझ सकते हैं कि कप्तान महेंद्र सिंह धौनी इस मैदान पर हर बार तीन स्पिनर्स के साथ उतरते हैं।
ओस का प्रभाव-
चेपॉक स्टेडियम में ओस महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। दूसरी पारी में बल्लेबाजी करना ज्यादा फायदेमंद होता है। अबतक इस सीजन में पहले गेंदबाजी करने वाली टीम चार बार जीत हासिल कर चुकी है। ओस गिरने के बाद गेंद पर पकड़ बनाना काफी मुश्किल हो जाता है, ऐसे में सही लेंथ पर गेंद डालने में काफी दिक्कत होती है। ओस के प्रभाव का अनुमान इस बात से लगा सकते हैं कि क्वालीफायर मैच को एक घंटे पहले ही शुरू किया जा रहा है।
मैच को पलट सकते हैं डेथ ओवर्स-
वैसे तो टी-20 क्रिकेट में आखिरी ओवर्स का अपना महत्व होता है, लेकिन चेन्नई में जीत के लिए डेथ ओवर्स में रन बनाना जरूरी है। चेन्नई के लिए यह काम धौनी करते आ रहे हैं। चेन्नई ने आखिरी ओवर्स में खूब रन बटोरे हैं लेकिन, इस सीजन में सबसे धीमी शुरुआत करने वाली टीम भी रही है। इस सीजन चेन्नई अपने घरेलू मैदान में सिर्फ एक मैच हारी है, जिसमें मुंबई की ओर से हार्दिक पंड्या ने आखिरी के ओवर्स में ताबड़तोड़ बल्लेबाजी की थी।