ऋषभ पंत के भारत के मुख्य टेस्ट विकेटकीपर बनने की ओर बढ़ते कदमों ने ऋद्धिमान साहा को जरा भी असुरक्षित नहीं किया है। साहा इस बात में विश्वास नहीं करते कि दिल्ली के विकेटकीपर से उनकी कोई प्रतिस्पर्धा है।
यह पूछने पर कि इतने लंबे समय तक खेल से दूर रहने और पंत के आने ने क्या उन्हें असुरक्षित बना दिया? उन्होंने कहा, ‘बिलकुल भी नहीं। मैं असुरक्षित नहीं था। खिलाड़ी होने के नाते, आपको हमेशा चोटिल होने का जोखिम बना रहता है। लक्ष्य पूरी तरह फिट होने और शानदार वापसी का था।’
भारत के तकनीकी रूप से बेहतरीन विकेटकीपरों में से एक साहा ने पिछले साल कंधे की सर्जरी के कारण प्रतिस्पर्धी क्रिकेट से बाहर रहने के बाद मुश्ताक अली ट्रॉफी में बंगाल के लिए वापसी की।
साहा ने 11 मुश्ताक अली ट्रॉफी मैचों में 306 रन बनाए। वह 32 टेस्ट में 30.63 के औसत से तीन शतकों की बदौलत 1164 रन बना चुके हैं।