परिवर्तन संसार का नियम है, यह बताने के लिए आइपीएल से अच्छा उदाहरण और क्या हो सकता है। जिस टीम की अगुआई कभी गौतम गंभीर किया करते थे, आज उसकी कमान दिनेश कार्तिक के हाथों में है और जिस टीम का होकर कभी कार्तिक खेला करते थे, उस टीम के मुखिया अब गंभीर हैं। सोमवार को नए कप्तान कार्तिक की अगुआई में कोलकाता की टीम अपने पुराने कप्तान गंभीर की अगुआई वाली नई टीम दिल्ली के खिलाफ जब ईडन गार्डेंस स्टेडियम में उतरेंगी तो मैदानी जंग के साथ-साथ दो अलग तरह की लड़ाई भी हो रही होगी। गंभीर के लिए भावनात्मक, तो कार्तिक के लिए मनोवैज्ञानिक जंग। वैसे आंकड़े एक बार फिर कोलकाता के साथ हैं। दोनों टीमें आइपीएल में अब तक 20 बार भिड़ी हैं, जिनमें से 12 बार कोलकाता और आठ बार दिल्ली को जीत मिली है।
कार्तिक के सामने कई चुनौतियां : कोलकाता के नए कप्तान कार्तिक के सामने कई चुनौतियां हैं। लगातार दो हार से टीम का मनोबल निश्चित रूप से गिरा है। कार्तिक के लिए इस डैमेज को अभी से कंट्रोल करना जरूरी है। उनके सामने एक और बड़ी चुनौती ‘परफेक्ट-11’ के चयन की भी है। पिछले दो मैचों में कोलकाता की टीम संतुलित नहीं दिखी। रॉयल चैलेंजर्स बेंगलूर के खिलाफ शानदार शुरुआत के बाद चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ दूसरे मैच में गेंदबाज बड़े लक्ष्य को बचा नहीं पाए तो सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ पिछले मैच में बल्लेबाज विफल रहे। कार्तिक को ना सिर्फ संतुलित एकादश का चयन करना होगा, बल्कि बल्लेबाजी क्रम को भी दुरुस्त करना होगा। पिछले मैच में रॉबिन उथप्पा को सुनील नारायण की जगह बतौर ओपनर भेजा गया और नारायण को तीसरे नंबर पर। दोनों ही नाकाम रहे और इस प्रयोग का भारी खामियाजा भुगतना पड़ा। आमतौर पर तीसरे स्थान पर बल्लेबाजी करने वाले शुभमन गिल को सातवें स्थान पर भेजा गया। वह भी कुछ नहीं कर पाए।
ओपनिंग पर लौट सकते हैं नारायण : दिल्ली के खिलाफ नारायण फिर क्रिस लिन के साथ बतौर ओपनर लौट सकते हैं। उथप्पा से भी अब बड़े स्कोर की उम्मीद की जा रही है। कार्तिक को भी छोटे-मोटे स्कोर के बदले जरूरत के समय ‘कैप्टंस नॉक’ खेलना होगा। वहीं, आंद्रे रसेल का बल्ला गरजा तो फिर बात ही क्या है। कोलकाता की गेंदबाजी फिर भी पिछले मैच में सुधरी है, वरना 139 रनों के छोटे से लक्ष्य का पीछा करने में हैदराबाद को 19 ओवर नहीं खपाने पड़ते। तेज गेंदबाजी की कमान एक बार फिर मिशेल जॉनसन और शिवम मावी को सौंपी जा सकती है। स्पिन विभाग में नारायण, पीयूष चावला और कुलदीप यादव हैं।
फिर बेपटरी नहीं होना चाहेगी दिल्ली : शुरुआती दो मैचों में हार के बाद मुंबई इंडियंस के खिलाफ जीतकर पटरी पर लौटी दिल्ली फिर से बेपटरी नहीं होना चाहेगी। ईडन में दिल्ली के मुरीदों को कप्तान गंभीर से बड़ी पारी की उम्मीद होगी, जिन्होंने यहां कोलकाता के लिए कई लाजवाब पारियां खेली हैं। पिछले मैच के हीरो जेसन रॉय पर भी सबकी नजर होगी। राय ने 53 गेंदों पर शानदार नाबाद 91 रन बनाए थे। इस टीम में ग्लेन मैक्सवेल, रिषभ पंत और श्रेयस अय्यर जैसे उम्दा बल्लेबाज भी हैं। तेज गेंदबाजी की कमान मुहम्मद शमी और ट्रेंट बोल्ट संभालेंगे।
शमी पर होंगी नजरें
कोलकाता नाइटराइडर्स और दिल्ली डेयरडेविल्स की टीमें जब सोमवार को ईडन गार्डेंस स्टेडियम में उतरेंगी तो निश्चित रूप से सबकी नजरें दिल्ली के तेज गेंदबाज मुहम्मद शमी पर होंगी। पत्नी हसीन जहां द्वारा लगाए गए विवाहेतर संबंधों एवं मैच फिक्सिंग के आरोपों के बाद शमी पहली बार कोलकाता पहुंचे हैं और अपने होम ग्राउंड ईडन में कोई मैच खेलेंगे। मालूम हो कि मैच फिक्सिंग के मामले में बीसीसीआइ शमी को पहले ही क्लीन चिट दे चुका है। शमी ने आइपीएल-11 के पिछले तीन मैचों में अब तक दो विकेट चटकाए हैं। ईडन में शमी से बेहतर गेंदबाजी की उम्मीद की जा रही है क्योंकि वह यहां के विकेट के मिजाज से भली-भांति वाकिफ हैं। शमी कोलकाता नाइटराइडर्स की तरफ से भी खेल चुके हैं।