मुकाबला आईपीएल का हो और मैदान पर मनोरंजन का तड़का न हो। ऐसा सोचा नहीं जा सकता था, लेकिन कोरोना ने सब कुछ संभव कर डाला है। अबू धाबी के शेख अल जायद स्टेडियम पर चेन्नई सुपरकिंग्स और मुंबई इंडियंस की टीम उद्घाटन मुकाबले के लिए उतरी तो चौकों-छक्कों पर डांस करने वाली चीयर लीडर्स नहीं थीं।
किसी भी करारे प्रहार पर आसमां सिर पर उठा लेने वाले दर्शक भी नहीं थे। नजारा कुछ ऐसा लग रहा था मानों किसी मेट्रो शहर के स्टेडियम में रणजी ट्रॉफी का मुकाबला हो रहा हो, जिससे दर्शक दूरी बनाकर रखते हैं। फर्क रंगीन कपड़ों का था।
स्टेडियम की बड़ी स्क्रीन और टेलीविजन पर रंगों का तड़का लगाने की कोई कसर नहीं छोड़ी गई। विकेट गिरने, चौके-छक्के पर दर्शकों के शोर का पूरा इंतजाम था। स्क्रीन पर ही डांस करती हुई चीयर लीडर्स भी मौजूद थीं। यही नहीं मैदान के बाहर वर्चुअल दर्शकों की भी व्यवस्था की गई थी।
दुनियाभर के दर्शकों को वर्चुअल स्क्रीन पर जोड़कर रखा गया था। टेलीविजन और स्टेडियम की बड़ी स्क्रीन पर इन दर्शकों को दिखाया जा रहा था, जिससे क्रिकेटरों को यह अहसास हो कि उन्हें दर्शक देख रहे हैं।
किसी भी शॉट, विकेट पर इन दर्शकोंं की प्रतिक्रिया को भी दिखाया गया। टेलीविजन पर दर्शकों का नकली शोर कुछ ज्यादा ही था। यह प्रयोग फुटबॉल लीग और इंग्लैंड-वेस्टइंडीज के खिलाफ हुई शृंखला के बाद यहां भी आजमाया गया।
महेंद्र सिंह धोनी, और रोहित शर्मा जब टॉस के लिए आए तो दोनों ने मैच रेफरी मनु अय्यर के साथ काफी दूरी बना रखी थी। रोहित और धोनी ने एक दूसरे से मुट्ठी टकराकर अभिवादन किया।
इंग्लिश ऑलराउंडर सैम करन को ड्वेन ब्रावो के स्थान पर सीएसके की टीम में शामिल किए जाने पर साफ हो गया कि विदेशी क्रिकेटरों को अतिरिक्त एकांतवास का समय नहीं गुजारना पड़ा। इन क्रिकेटरों को छह दिन की बजाय 36 घंटे के एकांतवास की अनुमति प्रदान की गई थी।