इंदौर-वाराणसी के बीच चलाई जाने वाली महाकाल एक्सप्रेस थर्ड एसी श्रेणी के कोच से ही चलाई जाएगी। यदि भविष्य में जरूरत होगी तो ही ट्रेन में स्लीपर श्रेणी के कोच जोड़े जाएंगे। रेल कोच फैक्टरी से रैक वाराणसी मंडल को हमसफर श्रेणी का रैक आवंटित कर दिया गया है। ट्रेन का प्राइमरी मेंटेनेंस वाराणसी में होना है, जबकि सेकंडरी मेंटेनेंस इंदौर में होगा। इंदौर में महाकाल एक्सप्रेस प्लेटफॉर्म रिटर्न ट्रेन होगी और उसे यार्ड में नहीं ले जाया जाएगा। यह देश की तीसरी निजी ट्रेन होगी। इसे पेंट्री कार समेत 18 कोच से चलाया जा सकता है। ट्रेन में लोको पायलट और गार्ड को छोड़कर बाकी स्टाफ इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन (आईआरसीटीसी) का होगा।
ट्रेन के औपचारिक उद्घाटन से पहले उसका ट्रायल रन कराने की भी तैयारी हो रही है। जो समय टाइम टेबल कमेटी ने तय किया है, उस हिसाब से उसे चलाकर देखा जाएगा और सुनिश्चित किया जाएगा कि ट्रेन यथासमय चले। जानकारों का कहना है कि संभव है कि ट्रेन को प्रयागराज (इलाहाबाद) का कम ट्रैफिक मिले, लेकिन कानपुर-लखनऊ आने-जाने वाले यात्रियों के लिए यह ट्रेन अच्छा विकल्प उपलब्ध कराएगी।
इंदौर को मिलेगी चौथी हमसफर
इंदौर से फिलहाल दो हमसफर एक्सप्रेस चल रही हैं। एक हमसफर एक्सप्रेस लक्ष्मीबाई नगर रेलवे स्टेशन से गुजरती है। इनमें इंदौर-जगन्नााथपुरी, इंदौर-लिंगमपल्ली ट्रेन के अलावा अजमेर-रामेश्वरम हमसफर एक्सप्रेस (वाया लक्ष्मीबाई नगर) ट्रेन शामिल हैं। इंदौर-वाराणसी ट्रेन के रूप में शहर को चौथी हमसफर एक्सप्रेस ट्रेन मिलने जा रही है।
ट्रेन चलने की तारीख तय नहीं
रतलाम रेल मंडल के प्रबंधक (डीआरएम) विनीत गुप्ता ने बताया कि फिलहाल मंडल के पास ट्रेन चलने की तारीख की अधिकृत जानकारी नहीं आई है। यह तो तय है कि इंदौर-वाराणसी ट्रेन थर्ड एसी श्रेणी के हमसफर रैक से चलाई जाएगी। ट्रायल रन के बारे में अभी कोई सूचना नहीं आई है। हालांकि ट्रायल रन एक दिन के शॉर्ट नोटिस में भी हो सकता है।