कोरोना महामारी के संकटकाल में एलोपैथिक दवाओं के उपयोग और डॉक्टरों की अकाल मौतों पर विवादित टिप्पणी करने वाले योगगुरू रामदेव के खिलाफ सोशल साइट्स पर लोगों का आक्रोश भड़क उठा है। रामदेव ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) और फार्मा कंपनियों को भी खुली चुनौती दे डाली है, जिसके कारण इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने रामदेव पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। इसके लिए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने उत्तराखंड सरकार को चिट्ठी लिखी है।
IMA की उत्तरांचल शाखा के पत्र में रामदेव के एलोपैथिक चिकित्सा पेशे और डॉक्टर्स के खिलाफ दिए गए बयानों को लेकर आपत्ति जताई गई। पत्र में कहा गया कि, कोरोना संकट के इस दौर में रामदेव ने डॉक्टरों के कर्तव्य को धता बताते हुए उनका मजाक उड़ाया। रामदेव ने जो किया है, उसके लिए उन पर तत्काल कड़ी कार्रवाई की जाए। यह पत्र सीधे उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को लिखा गया है।
वहीं, रामदेव ने भी इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) को खुला पत्र (ओपन लेटर) जारी करते हुए एलोपैथी को चुनौती दी है। रामदेव ने इंडियन मेडिकल असोसिएशन (IMA) और फार्मा कंपनियों को खुले खत में 25 सवाल किए हैं। जिनमे बाबा रामदेव ने कई बीमारियों का जिक्र करते हुए सवाल किया है कि क्या पिछले 200 वर्षों में एलोपैथी ने इन बीमारियों के स्थायी इलाज खोज लिए हैं । बाबा रामदेव के इसी ट्वीट पर विवाद बढ़ गया है।