पूरा देश कोरोना की लहर से परेशान है। कोरोना मरीजों को बेड के साथ ऑक्सीजन की किल्लत से भी जूझना पड़ रहा है। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च (आईआईएसईआर) ने कम कीमत के ऑक्सीजन कंसनट्रेटर- ऑक्सीकॉन का अविष्कार किया है। इस डिवाइस को आईआईएसईआर के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. मित्रदीप भट्टाचार्यजी और केमिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर डॉ. वेंकेटेश्वर राव ने डॉ. पी. बी. सुजीत और डॉ. शांतनु तालुकदार ने तैयार किया है।
मित्रदीप भट्टाचार्य ने बताया कि इसमें दो कंप्रेसर होते हैं, जो हवा में मौजूद नाइट्रोजन को जियोलाइट नामक पदार्थ से भरी दो वेसेल में अधिकतम दबाव के साथ गुजारते हैं। बारी-बारी से इन दोनों वेसेल का इस्तेमाल किया जाता है और इसके लिये इलेक्ट्रिकल तरीके से नियंत्रित वॉल्व का प्रयोग किया जाता है, जिससे यह प्रक्रिया स्वचालित होती है और निर्बाध ऑक्सीजन मिलती है। उन्होंने कहा कि जियोलाइट हवा में मौजूद नाइट्रोजन को अवशोषित कर लेता है और वापस हवा में छोड़ देता है, इससे निकास द्वार पर हवा में ऑक्सीजन की सांद्रता बढ़ जाती है।
आईआईएसईआर के निदेशक प्रो. शिवा उमापति का कहना है कि महामारी की पहली लहर के मुकाबले दूसरी लहर का प्रकोप बहुत ज्यादा है। इसका प्रसार बहुत ज्यादा है और कई लोगों को आपात ऑक्सीजन सहायता की जरूरत पड़ रही है। इसलिए, देशभर में अस्पतालों को ऑक्सीजन सिलेंडरों और कंसनट्रेटरों की जरूरत है और यह मांग थोड़े समय में बहुत तेजी से बढ़ी है।