सुकमा के ताड़मेटला में सर्च पर निकले जवान नक्सलियों के लगाए आइईडी की चपेट में आ गए। विस्फोट में कोबरा बटालियन के असिस्टेंट कमांडेंट नितिन भालेराव शहीद हो गए, जबकि 10 जवान घायल हैं। बता दें कि यह वही ताड़मेटला है, जहां 6 अप्रैल 2010 में हुए नक्सली हमले में सीआरपीएफ के 76 जवान शहीद हुए थे। इस दौरान करीब एक हजार नक्सलियों के बीच डेढ़ सौ जवान फंस गए थे।

नक्सली घटनाओं के लिए चर्चा में रहने वाले बस्तर में यह अब तक का सबसे बड़ा नक्सली हमला था।घटना की पुष्टि करते हुए एसपी केएल ध्रुव ने बताया है कि नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे आपरेशन के तहत शनिवार को बुर्कापाल कैंप से कोबरा 206 के जवान सर्चिग पर निकले थे। देर शाम वापसी के दौरान कैंप से करीब छह किलोमीटर पहले ताड़मेटला के पास नक्सलियों के लगाए आइईडी के संपर्क में आने से जोरदार विस्फोट हो गया।
जानकारी के मुताबिक जवानों को ज्यादा चोटें आई हैं। घायलों को काफी मशक्कत के बाद वहां से निकाला जा सका। इस दौरान नक्सलियों की ओर से फायरिंग करने की भी सूचना मिल रही है, लेकिन अधिकारी इसकी पुष्टि नहीं कर रहे हैं।
स्पाइक होल ने भी किया जख्मी
जानकारी के अनुसार सर्चिग से वापसी के दौरान हुए विस्फोट के अलावा स्पाइक होल में फंसने के कारण भी जवानों को जख्म आए हैं। करीब माहभर में फोर्स ने बड़ी संख्या में जंगल के बीच नक्सलियों के दबाए गए स्पाइक होल बरामद किया है। इसमें लकड़ी के पाटे में लोहे की बड़ी-बड़ी नुकीली कीलें लगी होती हैं। इसे गढ्डे में रखकर ऊपर से घास-फूंस से ढंक दिया जाता है।
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