यूपी सरकार IAS अफसर अनुराग तिवारी के रहस्यमयी कत्ल की जांच सीबीआई से करवाएगी. सोमवार को अनुराग तिवारी के परिजन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिले और थाने में जाकर एफआईआर दर्ज करवाई.
सीबीआई खंगालेगी मौत का सच
सोमवार की शाम राज्य के डीजीपी सुलखान सिंह और गृह सचिव अरविंद कुमार ने मीडिया को बताया कि सरकार इस मौत की सीबीआई जांच के लिए तैयार है. अधिकारियों का दावा था कि जांच जल्द ही सीबीआई को सौंप दी जाएगी. मृतक अनुराग के भाई मयंक तिवारी की तहरीर पर पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ इंडियन पीनल कोड के सेक्शन 302 के तहत केस दर्ज किया है.
क्या है परिवार का आरोप?
अपनी तहरीर में अनुराग तिवारी की मां ने आरोप लगाया है कि उनका बेटा ईमानदार था. लेकिन उसपर कर्नाटक में गलत काम काम का दबाव बनाया जाता था. अनुराग के भाई मंयक ने पुलिस को सूचित किया कि उनके भाई ने कर्नाटक में किसी बड़े घोटाले को उजागर करने की बात बताई थी. साथ ही ये भी कहा था कि जो जांच वो कर रहा है उसमें कई बड़ी मछलियां भी फंसेंगी. मयंक की मानें तो अनुराग ये सारी जानकारी पीएमओ और सीबीआई को देने वाला था.
संदिग्ध हालात में मौत
पोस्टमॉर्टम जांच में ये सामने आया था कि आईएएस अनुराग तिवारी की मौत दम घुटने की वजह से हुई थी। लेकिन मयंक तिवारी ने बताया कि जिस जगह से उनकी डेड बॉडी मिली थी, वहां पर उस तरीके से किसी की मौत नहीं हो सकती, साथ ही अनुराग के फोन से भी छेड़छाड़ की गई थी.
क्या है मामला?
17 मई को अनुराग तिवारी की लाश संदिग्ध हालत में मिली थी. तकरीबन दस साल के करियर में अनुराग का 7-8 बार तबादला किया गया था. परिवार वालों का कहना था कि राज्य पुलिस की जांच में उनको विश्वास नहीं है. सीबीआई जांच के आश्वासन से परिवार खुश है. यूपी सरकार के इस फैसले का करनाटक के मुख्यमंत्री ने भी स्वागत किया है और कहा है कि जांच में हर मुमकिन मदद की जाएगी.