हरियाणा में कांग्रेस पहली बार गठबंधन में लड़ेगी चुनाव

कांग्रेस हरियाणा में पहली बार गठबंधन में चुनाव लड़ेगी। फिर भी मुकाबला आसान नहीं है। चंडीगढ़ सीट के लिए कांग्रेस ने कुरुक्षेत्र सीट छोड़ दी है। साल 2019 में आम आदमी पार्टी ने जनता जननायक पार्टी (जजपा) के साथ चुनाव लड़ा था।

हरियाणा में लोकसभा चुनाव एक साथ लड़ने के लिए कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) के बीच समझौता हो गया है। हरियाणा की दस में से नौ सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ेगी। हरियाणा के इतिहास में यह पहली बार है, जब कांग्रेस गठबंधन में चुनाव लड़ेगी। इससे पहले वह अकेली ही चुनाव लड़ती रही है। 

वहीं, भाजपा और आम आदमी पार्टी पहले भी गठबंधन के तहत चुनाव लड़ चुके हैं। भाजपा ने कभी इनेलो के साथ मिलकर चुनाव लड़ा तो कभी हरियाणा जनहित कांग्रेस के साथ। साल 2019 में आम आदमी पार्टी ने जनता जननायक पार्टी (जजपा) के साथ चुनाव लड़ा था। 

कांग्रेस और आप के बीच समझौता होने के बावजूद मुकाबला आसान नहीं होगा। आम आदमी पार्टी ने पिछले लोकसभा चुनाव में फरीदाबाद, अंबाला और करनाल सीट पर अपने उम्मीदवार उतारे थे। तीनों जगह पार्टी की जमानत जब्त हो गई थी। 

वहीं, कुरुक्षेत्र में कांग्रेस की भी स्थिति इतनी अच्छी नहीं थी। कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े निर्मल सिंह को 24.7 फीसदी वोट मिले थे, जबकि भाजपा के सांसद नायब सिंह सैनी को 56.0 फीसदी वोट मिले थे। वहीं, जजपा-आप को 5.6 फीसदी वोट मिले।

देखना दिलचस्प होगा कि बाकी नौ सीटों पर कांग्रेस को गठबंधन के साथ कितना फायदा होता है। हालांकि कुछ ही महीनों बाद हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में आप का पूरा फोकस विधानसभा चुनाव पर है।

पार्टी की सोच है कि यदि वह हरियाणा में एक सीट पर भी अच्छा प्रदर्शन करती है तो उसे विधानसभा चुनाव में फायदा मिल सकता है। इसलिए पार्टी ने दिल पर पत्थर रखकर चंडीगढ़ की सीट कांग्रेस को दे दी। हालांकि 2014 से पहले कुरुक्षेत्र सीट पर कांग्रेस भी अच्छी स्थिति में रही है।

कुरुक्षेत्र सीट के लिए कांग्रेस के 45 नेताओं ने की थी दावेदारी
कुरुक्षेत्र सीट से चुनाव लड़ने के लिए कांग्रेस के 45 नेताओं ने कमेटी के पास आवेदन किया था। इनमें प्रमुख रूप से पूर्व प्रधानमंत्री स्व. लाल बहादुर शास्त्री के बेटे सुनील शास्त्री का नाम था। वह फिलहाल गुरुग्राम में रहते हैं। समीकरण के हिसाब से उनकी दावेदारी मजबूत थी।

इसके अलावा पूर्व स्पीकर अशोक अरोड़ा और पूर्व मंत्री व हाल ही में आप से कांग्रेस में शामिल हुए निर्मल सिंह का नाम चल रहा था। 2019 में निर्मल सिंह कुरुक्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव भी लड़ा था, मगर उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। कांग्रेस के पूर्व सांसद नवीन जिंदल भी इस सीट पर रिकार्ड मतों से जीत चुके हैं। हालांकि इस बार उनकी भाजपा से चुनाव से लड़ने की ज्यादा चर्चा चल रही है।

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