कुलदीप बिश्नोई ने अमित शाह और मनोहर लाल से मुलाकात की। उन्होंने चुनाव प्रभारियों के साथ भी चर्चा की। उनकी मुलाकातों को राज्यसभा चुनाव व विधानसभा की टिकटों से जोड़कर देखा जा रहा है।
भाजपा नेता कुलदीप बिश्नोई पिछले चार दिन से दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं। इस दौरान उन्होंने भाजपा के शीर्ष नेतृत्व और हरियाणा के चुनाव प्रभारियों से मुलाकात की। उनकी इन मुलाकातों को राज्यसभा के लिए दावेदारी और विधानसभा चुनाव में अपने कुछ लोगों को टिकट दिलाने की मांग से जोड़ा जा रहा है। कांग्रेस से किरण चौधरी के भाजपा में शामिल होने के बाद पार्टी के अंदर राज्यसभा की सीट के लिए मुकाबला कड़ा हो गया है।
कुलदीप बिश्नोई ने पत्नी रेणुका बिश्नोई के साथ 17 जून को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। इस दौरान एक्स पर फोटो शेयर करते हुए लिखा था कि अमित शाह से मुलाकात कर विधानसभा चुनाव समेत कई विषयों पर विस्तृत चर्चा हुई।
उसके बाद उन्होंने केंद्रीय मंत्री व हरियाणा के चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान, हरियाणा के सहप्रभारी बिप्लब कुमार देब और शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री व हरियाणा के पूर्व सीएम मनोहर लाल से मुलाकात की। इन मुलाकातों के बाद माना जा रहा है कि कुलदीप भी राज्यसभा के लिए दावेदारी कर रहे हैं। वहीं, विधानसभा चुनाव भी नजदीक हैं।
उनके कुछ करीबी भी चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं, जिनके लिए वह टिकट मांग सकते हैं। वहीं, सियासी हलकों में यह भी चर्चा है कि हिसार लोकसभा सीट का चुनाव हारने और रणजीत चौटाला की ओर से भितरघात के आरोप लगाने के बाद से पार्टी हाईकमान नाखुश है, इसलिए कुलदीप बड़े नेताओं को मनाने के लिए दिल्ली में डटे हैं।
अब तक कुलदीप को कुछ खास नहीं मिला
भाजपा में शामिल होने के बाद कुलदीप बिश्नोई पार्टी में सक्रिय हैं। पिछले साल हुए राजस्थान चुनाव में उन्होंने कई सीटों पर सक्रिय भूमिका निभाई थी। राजस्थान में प्रचंड जीत के बाद माना जा रहा था कि भाजपा उन्हें इनाम के तौर पर बड़ी जिम्मेदारी दे सकती है। मगर ऐसा हुआ नहीं। उसके बाद वह हिसार लोकसभा सीट से टिकट मांग रहे थे, मगर पार्टी ने उनकी जगह रणजीत चौटाला को टिकट दे दिया। इससे कुलदीप बिश्नोई नाराज भी हो गए थे। सैनी सरकार के नेतृत्व में जब मंत्रिमंडल का गठन हुआ तो उन्होंने अपने बेटे व विधायक भव्य बिश्नोई को मंत्री बनाने के लिए लॉबिंग की, मगर बात सिरे नहीं चढ़ सकी। विधानसभा चुनाव में उनके बेटे को दोबारा टिकट मिलना तय है। ऐसे में कुलदीप के लिए राज्यसभा जाना सबसे मुफीद रास्ता हो सकता है।