भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने क्यों की विधानसभा को भंग करने की मांग

कांग्रेस ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपकर विधानसभा को भंग करने और चुनाव करवाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि सरकार बहुमत से दूर है। सीएम के जीतने के बाद भी आंकड़े नहीं बदले हैं। 

बहुमत के आंकड़े से दूर नायब सैनी सरकार को बर्खास्त करने और राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग को लेकर पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा व प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान के नेतृत्व में कांग्रेस विधायकों के एक दल ने राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय को ज्ञापन सौंपा। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि मौजूदा सरकार के पास बहुमत नहीं है।

सदन में बहुमत पाने के लिए सरकार खरीद-फरोख्त व अन्य असांविधानिक तरीकों का इस्तेमाल कर सकती है। इससे राज्य की बदनामी हो सकती है। इसलिए अल्पमत में आई सरकार को तुरंत बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लगाया जाए और नए सिरे से चुनाव करवाए जाएं। कांग्रेस ने 10 मई को भी राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा था।

कांग्रेस नेताओं ने ज्ञापन के माध्यम से कहा कि मौजूदा मुख्यमंत्री हाल ही में हुए करनाल उपचुनाव से विधायक चुने गए हैं। फिर भी भारतीय जनता पार्टी के सदस्यों की संख्या में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है। भाजपा के पास विधायकों की संख्या 41 है। साथ में हलोपा के एक विधायक और एक निर्दलीय विधायक का समर्थन हासिल है।

सरकार को समर्थन देने वाले विधायकों की संख्या कुल 43 ही है। जबकि वर्तमान समय में सदन के विधायकों की संख्या 87 है और बहुमत का आंकड़ा 44 है। राज्यपाल से मिलने के बाद हुड्डा व अन्य कांग्रेस नेताओं ने प्रेस वार्ता में कहा कि सरकार को नैतिकता के आधार पर खुद ही त्यागपत्र दे देना चाहिए और राज्यपाल को हॉर्स ट्रेडिंग रोकने के लिए तुरंत विधानसभा भंग करनी चाहिए। राज्यपाल ने ज्ञापन पर विचार करने का आश्वासन दिया है।

सैलजा के बयान पर बोले हुड्डा- कांग्रेस हाईकमान के पास जाना चाहिए
किरण चौधरी के इस्तीफा देने पर कुमारी सैलजा का बयान था कि मां-बेटी के साथ इंसाफ नहीं हुआ। इस पर हुड्डा से पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि यदि किसी को लगता है कि उसके साथ इंसाफ नहीं हुआ है तो उसके हाईकमान के पास जाना चाहिए। यदि मेरे साथ कुछ होता है तो मैं हाईकमान के पास जाता हूं।

कांग्रेस में टिकटों का बंटवारा हाईकमान करता है। उन्होंने कहा कि पार्टी में आना-जाना लगा रहता है। कांग्रेस मजबूत पार्टी है। अरे कितने पार्टी छोड़ गए, क्या फर्क पड़ता है। जिसको अपना भविष्य जहां दिखेगा, वह वहां जाएगा। वहीं, हरियाणा विधानसभा चुनाव में सपा की ओर से सीटें मांगने के मामले में उन्होंने कहा यह राष्ट्रीय स्तर का मामला है। हमारा सपा के साथ भी गठबंधन है, आप के साथ भी गठबंधन है। लेकिन राज्य स्तर पर अभी इस पर कोई फैसला नहीं किया गया है।

राज्यसभा चुनाव में किरण की भूमिका के बारे में माकन ने बता दिया था
इस दौरान हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष उदयभान ने कहा कि भाजपा समेत अन्य दलों से 42 पूर्व विधायक, पूर्व मंत्री, सांसद व पूर्व सांसद कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं। सरकार को समर्थन देने वाले 3 निर्दलीय विधायकों ने भी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को समर्थन दिया है। जहां तक किरण चौधरी के भाजपा में जाने का सवाल है तो उस बारे में खुद पूर्व सीएम मनोहर लाल ने बड़ा खुलासा कर दिया है। मनोहर लाल ने खुद बताया है कि लंबे समय से किरण चौधरी का मन भाजपा में ही था, उनका सिर्फ शरीर कांग्रेस में था। राज्यसभा चुनाव में भी किरण चौधरी की भूमिका को लेकर कांग्रेस उम्मीदवार अजय माकन ने उसी वक्त बता दिया था।

राज्यसभा चुनाव के लिए लिए नहीं हैं नंबर
प्रेस वार्ता में राज्यसभा चुनाव को लेकर पूछे गए सवाल पर पूर्व सीएम हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस के पास नंबर नहीं है। यदि कोई दल या अन्य व्यक्ति 15 से 16 विधायकों के समर्थन का दावा कर समर्थन मांगता है तो कांग्रेस उसे समर्थन दे सकती है। कांग्रेस के पास कुल 30 विधायक थे। वरुण चौधरी के सांसद चुने जाने और किरण चौधरी के भाजपा में शामिल होने के बाद कांग्रेस के पास 28 विधायक बचे हैं। वहीं, एमएसपी बढ़ोतरी पर टिप्पणी करते हुए हुड्डा ने इसे नाकाफी बताया। उन्होंने कहा कि लागत के मुकाबले भाजपा द्वारा बेहद मामूली बढ़ोतरी की गई है। भाजपा ने एसएसपी बढ़ोतरी को मात्र एक औपचारिकता में बदल दिया है।

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