रिफ केयर टेक कंपनी के संस्थापक ने एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम को शिकायत दी थी। टीम ने सेक्टर-12 से आरोपी को गिरफ्तार किया है। सत्यापन के नाम पर पहले एक लाख रुपये मांगे, बाद में दस हजार रुपये में सौदा किया गया। एक हजार रुपये ऑनलाइन डलवाए गए।
हरियाणा के सोनीपत में एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) की टीम ने जीएसटी विभाग के इंस्पेक्टर को नौ हजार रुपये रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया है। आरोप है कि इंस्पेक्टर निजी फर्म का सत्यापन करने के नाम पर रिश्वत मांग रहा था। शुरुआत में एक लाख रुपये की मांग की गई थी लेकिन बाद में 10 हजार रुपये में सौदा तय किया था। इसमें से एक हजार रुपये ऑनलाइन डलवा लिए गए थे।
एसीबी के इंस्पेक्टर सचिव कुमार ने बताया कि रिफ केयर टेक प्राइवेट कंपनी के संस्थापक आशीष ने शिकायत दी थी कि जीएसटी विभाग के इंस्पेक्टर संदीप कुमार उनसे रिश्वत की मांग कर रहे हैं। उनकी फर्म के सत्यापन के नाम पर रिश्वत की मांग की जा रही है। इस पर टीम का गठन किया गया। टीम ने आशीष को नौ हजार रुपये देकर सेक्टर-12 में बुलाया था।
जहां पर उन्होंने इंस्पेक्टर संदीप कुमार को बुला लिया था। जब आशीष ने संदीप कुमार को रिश्वत की राशि थमाई तो टीम ने तुरंत छापा डालकर आरोपी को रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया है। टीम मामले से जुड़े तथ्य जुटा रही है।
पहले एक मांगे एक लाख, फिर 10 हजार रुपये में हुआ सौदा
कंपनी की सीईओ गायत्री ने बताया कि वह आईटी प्रोफेशनल हैं। वह कंपनी में मोबाइल सॉफ्टवेयर एप डेवलप करते हैं। उनकी कंपनी में आकर जीएसटी इंस्पेक्टर संदीप नरवाल ने कहा था कंपनी का जीएसटी सत्यापन नहीं कराया गया है। इसे बंद कर दिया जाएगा। जबकि वह तीन-चार माह पहले ही सत्यापन करा चुके थे। संदीप नरवाल ने उनसे एक लाख रुपये की मांग की। उन्होंने मना किया तो फिर 50 हजार रुपये मांगे। वह नहीं दिए तो 30 हजार रुपये मांगे गए। बाद में 10 हजार रुपये में सौदा किया। उन्हें कंपनी से बाहर भेजने के लिए उनके कहे अनुसार एक नंबर पर एक हजार रुपये भेजे गए। अब संदीप नरवाल को एसीबी ने रंगेहाथ पकड़ लिया है।