देश की प्रमुख Electric दोपहिया कंपनी Hero Electric (हीरो इलेक्ट्रिक) ने भारतीय बाजार में अपनी 700 करोड़ रुपये की निवेश योजना को एक साल के लिए टाल दिया है। कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि FAME-2 (फेम-दो) योजना वांछित नतीजे देने में विफल रही है जिसकी वजह से यह क्षेत्र नीचे आ रहा है। इस वजह से कंपनी को अपनी निवेश योजना को टालना पड़ा।
हीरो इलेक्ट्रिक के प्रबंध निदेशक नवीन मुंजाल ने कहा कि कंपनी चाहती है कि इस नीति को पुनगर्ठित किया जाए। कंपनी चाहती है कि कम रफ्तार के दोपहिया को भी सब्सिडी के लिए शामिल किया जाना चाहिए। उन्होंने दलील दी कि भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए ये लागत दक्ष वाहन महत्वपूर्ण हैं।
मुंजाल ने कहा, “उद्योग के दृष्टिकोण से फेम एक में कुछ हो रहा था। लेकिन फेम दो के आने के बाद, चाहे कोई भी तर्क या वजह हो, जिस तरीके से फेम दो लागू किया गया, उससे पूरा उद्योग नीचे आ गया हालांकि अब उद्योग उससे उबर रहा है।”
इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माताओं के संगठन एसएमईवी के फेम दो के पात्र इलेक्ट्रिक दोपहिया की बिक्री अप्रैल-दिसंबर, 2019 की अवधि में मात्र 3,000 इकाई रही है। वहीं जब फेम-एक को लागू किया गया था उस समय इन वाहनों की बिक्री 48,671 तक पहुंच गई थी।
फेम स्कीम का मतलब है- Faster Adoption and Manufacturing of (Hybrid &) Electric Vehicles in India (FAME India) Scheme. National Electric Mobility Mission Plan (NEMMP), नेश्नल इलेक्ट्रिक मोबिलिटी मिशन प्लान 2020 के तहत फेम योजना को साल 2015 में लागू किया गया था। इसका उद्देश्य इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहन प्रौद्योगिकी के विनिर्माण को बढ़ावा देना और उसी के सतत विकास को सुनिश्चित करना है।
FAME-1 (फेम एक) के तहत कम गति वाले ऐसे दोपहिया वाहन जो प्रति घंटा 25 किलोमीटर दौड़ सकते हैं, उन्हें 17,000 रुपये का प्रोत्साहन मिलता था। वहीं इसमें तेज रफ्तार वाहनों को 22,000 रुपये का प्रोत्साहन दिया गया था।
FAME-2 के तहत प्रति चार्ज 80 किलोमीटर और न्यूनतम 40 किलोमीटर प्रति घंटा दौड़ने वाला इलेक्ट्रिक दोपहिया पर 20,000 रुपये का प्रोत्साहन दिया जाएगा। फेम दो योजना एक अप्रैल, 2019 से लागू हुई है।