अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने कुछ महीने पहले ही H-1B वीजा (US H-1B Visa) की फीस बढ़ाने का एलान किया था। वहीं, अब इसे पूरी तरह से बैन करने की बात चल रही है। ट्रंप की पार्टी की सांसद मार्जोरी टेलर ग्रीन ने H-1B वीजा को खत्म करने के लिए संसद में विधेयक पेश किया है। मगर, ऐसा करके अमेरिका अपने ही पैर पर कुल्हाड़ी मारने वाला है।
थिंक टैंक थर्ड वे की सामाजिक नीति निदेशक सारा पियर्स के अनुसार, अगर अमेरिका ने H-1B पर प्रतिबंध लगाया, तो इससे स्वास्थ्य समेत कई क्षेत्रों में कर्मचारियों का भारी अकाल पड़ जाएगा।
संसद में पेश हुआ विधेयक
रिपब्लिकन पार्टी की सदस्य मार्जोरी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट शेयर करते हुए कहा, “स्वास्थ्य सेवा छोड़कर H-1B वीजा को सभी क्षेत्रों में बंद कर देना चाहिए।”
एक्सपर्ट ने क्या कहा?
सारा पियर्स ने मार्जोरी के इस प्रस्ताव की आलोचना करते हुए कहा कि इससे H-1B वीजा की समयसीमा खत्म होने के बाद लोग अपने देश वापस लौट जाएंगे। बेशक मार्जोरी ने मेडिकल सेक्टर को अपने प्रस्ताव से बाहर रखा है, लेकिन इसका असर स्वास्थ्य सेवाओं पर भी होगा।
मेडिकल सेक्टर में होगा नुकसान
सारा पियर्स ने आगे कहा, “अमेरिकी सरकार को इस प्रस्ताव में सुधार करना चाहिए। अगर हम चाहते हैं कि य देश सुचारू रूप से चलता रहे, तो हमें ज्यादा से ज्यादा डॉक्टर्स और घरेलू देखभाल के लिए बड़ी संख्या में कर्मचारियों की जरूरत है, जो H-1B वीजा के बिना संभव नहीं है।”
बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने H-1B वीजा की फीस बढ़ाकर 1 लाख डॉलर (लगभग 90 लाख) रुपये कर दी थी। 2024 के सरकारी आंकड़ों की मानें तो अमेरिका में H-1B वीजा धारकों में 70 प्रतिशत संख्या भारतीयों की है। ऐसे में वीजा की फीस बढ़ने का सबसे ज्यादा असर भी भारतीयों पर ही पड़ने का अनुमान है।
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