फेस्टिवल सीजन के शुरुआत के साथ ही सोने की मांग भी बढ़ जाती है। दरअसल, भारत में सोना खरीदना शुभ माना जाता है। धनतेरस के दिन सोना खरीदना काफी शुभ माना जाता है। अगर आप भी गोल्ड खरीदने की प्लानिंग कर रहे हैं तो यह खबर आपके लिए हैं।
हम आपको इस आर्टिकल में बताएंगे कि सोना खरीदने पर कौन-से टैक्स लगते हैं। इसी के साथ ज्वैलर्स कितने तरह के चार्ज लगाता है। यह सब जानकारी जान लेने के बाद ही आपको गोल्ड खरीदना चाहिए।
लगते हैं ये टैक्स और चार्जिस
कस्टम ड्यूटी
भारत में गोल्ड की मांग को पूरा करने के लिए इसे इम्पोर्ट किया जाता है। ऐसे में इस पर कस्टम ड्यूटी (Custom Duty) लगती है। पहले गोल्ड पर कस्टम ड्यूटी 12.5 फीसदी थी, जिसे अब भारत सरकार ने कम करके 10 फीसदी कर दी है।
GST
सोने के किसी भी आभूषण को खरीदने पर जीएसटी देना होता है। कस्टमर गोल्ड ज्वैलरी पर 3 फीसदी का टैक्स लगाता है। वहीं, सरकार के साथ AIDC भी 5 फीसदी की दर से टैक्स लगाता है। इसके अलावा मेकिंग चार्ज पर भी जीएसटी का भुगतान करना होता है।
टीडीएस
अगर आप 1 लाख रुपये से ज्यादा का गोल्ड खरीदते हैं तो आपको 1 फीसदी की दर से टीडीएस (TDS) देना होता है।
नोट: यह सभी टैक्स फिजिकल गोल्ड पर लगता है। अगर आप डिजिटल गोल्ड यानी ईटीएफ और बॉन्ड में निवेश करते हैं तो उस पर टैक्स और चार्जिस अलग लगते हैं।
क्या गोल्ड बेचने पर भी लगता है टैक्स
फिजिकल गोल्ड की खरीद के साथ उसके बेचने पर भी टैक्स का भुगतान करना होता है। यह टैक्स इस बात पर निर्भर करता है कि आप गोल्ड कितने साल के बाद बेच रहे हैं। अगर आप गोल्ड तीन साल के भीतर बेच रहे हैं तो इस पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन (STCG) लगता है। वहीं, लंबे समय के बाद गोल्ड बेचते हैं तो लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) जो कि 20 फीसदी है वो लगता है। इसके अलावा गोल्ड बेचने पर भी जीएसटी लगती है।
क्या है गोल्ड प्राइस (What is Gold Price? )
फेस्टिव सीजन में गोल्ड की कीमतों में तेजी देखने को मिलती है। इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) की वेबसाइट के अनुसार 24 कैरेट गोल्ड की कीमत 7741 रुपये प्रति ग्राम है। वहीं, 22 कैरेट गोल्ड की कीमत 7555 रुपये प्रति ग्राम है।