New Delhi : जगह जर्मनी का हैम्बर्ग, टाइम, भारत के अनुसार शाम 7 बजे। GST समिट हॉल में एक नेता घुसता है और उसके स्वागत में दुनिया भर के नेता तालियां बजाते हैं।शहीद के घर पहुंचे योगी, प्रशासन ने पहले से मंगा रखे थे सोफा-कूलर
ये नेता हैं हमारे पीएम नरेंद्र मोदी। जी हां पीएम मोदी जब GST कार्यक्रम हॉल में पहुंचे तो ट्रंप और पुतिन ही नहीं दुनिया भर के नेताओं ने उनके स्वागत में तालियां बजाईं। कार्यक्रम के बाद हर नेता में पीएम मोदी से मिलने और उनके साथ फोटो खिंचाने की होड़ मची हुई थी।
इस कार्यक्रम में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी20 देशों से आतंकवाद और उसका समर्थन करने वाले देशों के खिलाफ मिलकर कोई कार्रवाई करने की अपील की।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने ब्रिक्स के सदस्य देशों की बैठक में एक ही संदेश जोर शोर से दिया। दोनों बड़ी अर्थव्यवस्थाओं ने जी20 के सभी देशों को आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष में और एकजुट होने की जरूरत पर बल दिया। पीएम मोदी ने कहा कि आतंकवाद का समर्थन करने वाले देशों के विरूद्ध सख्त कदम उठाया जाना चाहिए ताकि वह ऐसी हरकतों से बाज आएं। इसके लिए उन्होंने ऐसे देशों के अधिकारियों के जी20 देशों में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने को अनिवार्य बताया।
वैश्विक व्यापार पर बोलते हुए भारत ने आतंकवाद का समर्थन करने वाले देशों के अधिकारियों और प्रतिनिधियों के जी20 देशों में प्रवेश पर रोक लगाने का सुझाव दिया।
प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रिक्स रिट्रीट पर जुटे जी20 देशों के नेताओं के समक्ष भारत का ग्यारह सूत्री एजेंडा पेश करते हुए आतंकवादियों और उनके समर्थकों के खिलाफ साझी कार्रवाई करने पर जोर दिया। उन्होंने यह भी कहा, “आतंकवाद के कई चेहरे हैं लेकिन विचारधारा एक है।”
चीन की ओर से एक बयान जारी कर यह जानकारी दी गयी कि प्रधानमंत्री मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी के बीच कोई द्विपक्षीय वार्ता नहीं होने वाली है। हालांकि ब्रिक्स देशों के इस छोटे सत्र में दोनों ही नेताओं ने साथ में हिस्सा लिया। भारत और चीन के अलावा ब्राजील, रूस और दक्षिण अफ्रीका भी ब्रिक्र्स के सदस्य देश हैं।
क्रेमलिन की ओर से जारी बयान में बताया गया है कि रूस के राष्ट्रपति पुतिन अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के साथ अपनी पहली मुलाकात में भी आतंकवाद के खिलाफ साथ आने की जरूरत पर बल देंगे। ब्रिक्स रिट्रीट के बाद बोलते हुए पुतिन ने कहा, “कोई देश अकेला इस बुराई से नहीं निपट सकता और अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं कर सकता।”
क्रीमिया में रूसी कार्रवाई के बाद बीते तीन साल से पश्चिमी देशों ने रूस के खिलाफ कई व्यापारिक प्रतिबंध लगा रखे हैं। इस बैठक में रूस समेत ब्रिक्स के सभी सदस्य देशों ने ज्यादा खुले वैश्विक बाजार बनाये जाने की जरूरत पर बल दिया।
सदस्य देशों ने इसके लिए एक “नियमबद्ध, पारदर्शी, भेदभावरहित, खुले और समावेशी बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली” बनाये जाने का सुझाव दिया और इस लक्ष्य के लिए उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं और वित्तीय संस्थानों का प्रतिनिधित्व बढ़ाने की बात कही। इसके बा