बैंक ऑफ बड़ौदा की एक रिपोर्ट के अनुसार, देश के शीर्ष पांच राज्यों की ओर से वित्तीय वर्ष 2025-26 (FY26) में कुल पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) के लगभग आधे का योगदान दिए जाने की उम्मीद है। उत्तर प्रदेश और गुजरात सबसे बड़े योगदानकर्ताओं में से हैं, इसके बाद महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और कर्नाटक का नंबर है।
रिपोर्ट में कहा गया है, “वित्त वर्ष 26 में कुल पूंजीगत व्यय में 5 से अधिक राज्यों की ओर से लगभग 50 प्रतिशत योगदान करने का अनुमान है, जिसमें उत्तर प्रदेश और गुजरात सबसे बड़े योगदानकर्ताओं में से हैं, इसके बाद महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश जैसे राज्य हैं”।
पूंजीगत व्यय का मलब सरकारों (इस मामले में, राज्य सरकारों) की ओर से सड़क और राजमार्ग, स्कूल व अस्पताल जैसी अचल संपत्तियों के निर्माण या अधिग्रहण पर खर्च किए गए धन से है।
वित्त वर्ष 25 में, 26 राज्यों का कुल पूंजीगत व्यय 8.7 लाख करोड़ रुपये था। रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि वित्त वर्ष 26 के लिए यह संख्या बढ़कर 10.2 लाख करोड़ रुपये होने की उम्मीद है।
26 राज्यों में, उत्तर प्रदेश पूंजीगत परिव्यय में 16.3 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ सबसे आगे है, उसके बाद गुजरात (9.4 प्रतिशत), महाराष्ट्र (8.3 प्रतिशत), मध्य प्रदेश (8.1 प्रतिशत) और कर्नाटक (6.7 प्रतिशत) का स्थान है। इसकी तुलना में, वित्त वर्ष 25 में शीर्ष पांच योगदानकर्ता उत्तर प्रदेश (16.9 प्रतिशत), महाराष्ट्र (10.9 प्रतिशत), गुजरात (8.1 प्रतिशत), मध्य प्रदेश (7.5 प्रतिशत) और ओडिशा (6.4 प्रतिशत) थे।
नागालैंड, हिमाचल प्रदेश और सिक्किम जैसे राज्यों का वित्त वर्ष 26 के पूंजीगत परिव्यय में सबसे कम हिस्सा होने का अनुमान है, इन्होंने सिर्फ 0.4 प्रतिशत का योगदान दिया है।
रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि सभी 26 राज्यों की कुल प्राप्तियां वित्त वर्ष 26 में बढ़कर 69.4 लाख करोड़ रुपये होने की उम्मीद है, जो वित्त वर्ष 25 के 62.7 लाख करोड़ रुपये की तुलना में 10.6 प्रतिशत अधिक है।