दोस्ती को दुनिया का सबसे खूबसूरत रिश्ता यूं ही नहीं कहा जाता। यह रिश्ता एक ऐसा फूल है, जो न कभी मुरझाता है और न ही इसकी कभी महक जाती है। जरूरत होती है तो सिर्फ प्यार और विश्वासरूपी जल से इस रिश्ते को सींचने की। दोस्ती का रिश्ता तो प्राचीन काल से चला आ रहा है। चाहे भगवान कृष्ण और सुदामा की दोस्ती हो या दुर्योधन और करण की। बस तेजी से बदलती दुनिया और भागदौड़ भरी जिंदगी में एक दिन दोस्ती के नाम कर दिया गया। यह दिन है फ्रेंडशिप डे। आज पूरी दुनिया इस दोस्ती के त्योहार का जश्न मना रही है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि कैसे शुरू हुई इस खास दिन की शुरुआत।
फ्रेंडशिप डे की नींव रखी थी हॉलमार्क काडर्स के संस्थापक अमेरिकी जॉयस हॉल ने अपने एक मित्र को शुभकामना संदेश (ग्रीटिंग कार्ड) भेजकर, मगर इसे विश्व के फलक पर पहचान दिलाई दक्षिण अमेरिकी देश पराग्वे के डॉक्टर रेमन अरटेमिओ ब्राचो ने। 20 जुलाई 1958 को डॉक्टर रेमन अपने कुछ खास दोस्तों के साथ पराग्वे से 200 मील दूर पुएर्तो पिनास्को नामक शहर में डिनर कर रहे थे, तभी उन्हें ख्याल आया कि क्यों न वर्ष में एक दिन दोस्ती के नाम समर्पित कर दिया जाए।