सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि एनसीएलएटी के न्यायिक सदस्य राकेश कुमार ने इस्तीफा दे दिया है और उनके खिलाफ अवमानना कार्यवाही भी बंद कर दी गई है। सुप्रीम कोर्ट ने एनसीएलएटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ को मामले में नए सिरे से निर्णय लेने का आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने एनसीएलएटी के तकनीकी सदस्य की बिना शर्त माफी स्वीकार कर ली है। फिनोलेक्स केबल्स मामले में उनके खिलाफ अवमानना का मामला बंद कर दिया गया है।
जानें पूरा मामला
उच्चतम न्यायालय ने फिनोलेक्स केबलों से संबंधित एक मामले में उसके आदेशों की अवहेलना करने के लिए राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) की पीठ के सदस्यों को 30 अक्टूबर को माफी दे दी। शीर्ष अदालत ने हालांकि फिनोलेक्स केबल्स के पूर्व अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक दीपक छाबड़िया पर अदालत के आदेश के खिलाफ किए गए उनके कार्यों के लिए एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया। वार्षिक आम बैठक (एजीएम) की जांच करने वाले पर भी 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
शीर्ष अदालत ने एनसीएलएटी के आदेश को निरस्त करते हुए 18 अक्टूबर को एनसीएलएटी की पीठ को तलब किया था और मामले की नए सिरे से सुनवाई करने का निर्देश दिया था। उसने एनसीएलएटी की नई पीठ को मामले की सुनवाई करने का आदेश दिया है। अदालत ने कहा कि वह केवल पीठ पर लगाए गए आक्षेपों के कारण आदेश को रद्द कर रही है, न कि मामले के गुण-दोष के आधार पर।
एनसीएलएटी का आदेश फिनोलेक्स समूह के नियंत्रण को लेकर चचेरे भाई दीपक छाबड़िया और प्रकाश छाबड़िया के बीच विवाद से संबंधित है। एनसीएलएटी के समक्ष दायर मामले में 2019 में हुई असाधारण आम बैठक (ईजीएम) के दौरान पारित कुछ प्रस्तावों की वैधता को चुनौती दी गई थी।
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