कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) सभी सैलरी पाने वाले कर्मचारियों के लिए सरकार की तरफ से चलाई जाने वाली पेंशन योजना है। चालू वित्त वर्ष वित्त में ईपीएफ में निवेश की ब्याज दर पिछले साल के 8.55 फीसद के मुकाबले 8.65 फीसद है, जो पिछले पांच सालों में सबसे कम थी।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन सभी 20 या उससे अधिक व्यक्तियों वाले संगठन के कर्मचारियों को पीएफ में निवेश की अनुमित देता है। ईपीएफओ की वेबसाइट epfindia.gov.in के अनुसार, ईपीएफओ की रिटायरमेंट फंड बॉडी मेंबर को दो या उससे अधिक समय के लिए बेरोजगार होने की स्थिति में पूर्ण निकासी की अनुमति देता है।
यहां हम कुछ ऐसी शर्तों के बारे में बात कर रहे हैं, जिसमें पीएफ खाते से पैसे निकालने की अनुमति मिलती है।
शादी: ईपीएफ मेंबर कुछ शर्तों के साथ स्वंय, बेटा, बेटी, भाई या बहन की शादी के लिए ईपीएफ खाते से ब्याज के साथ कर्मचारी हिस्सेदारी का 50 फीसद तक निकाल सकते हैं। ईपीएफओ की वेबसाइट के अनुसार, इस तरह की निकासी के लिए मेंबर की 7 साल की नौकरी अनिवार्य है। ईपीएफओ की रिटायरमेंट फंड बॉडी ऐसी 3 निकासी की अनुमति देती है।
शिक्षा: ईपीएफओ की वेबसाइट के अनुसार, मेंबर बच्चों की शिक्षा के लिए 50 फीसद की निकासी कर सकता है। 7 सालों तक सेवा से जुड़े रहने के बाद मेंबर को बच्चों की शिक्षा के लिए ब्याज सहित 50 फीसद कर्मचारी हिस्सेदारी की 3 बार निकासी की अनुमति मिलती है।
प्रॉपर्टी खरीदने के लिए: ईपीएफ मेंबर सेवा में 5 साल जुड़े रहने के बाद घर की खरीदारी, जगह की खरीदारी या निर्माण के लिए कुछ शर्तों के साथ निकासी कर सकता है।
ईपीएफओ ऐसी सिर्फ एक निकासी की अनुमति देता है। ऐसी स्थिति में निकाले जाने वाली राशि 36 महीने की बेसिक सैलरी और डीए से कम ही होनी चाहिए।
जगह खरीदने के लिए निकाली जाने वाली राशि 24 महीने की बेसिक सैलरी और डीए से कम होनी चाहिए।
ऐसी स्थिति में घर या जगह ईपीएफओ मेंबर या मेंबर की पत्नी या दोनों द्वारा संयुक्त रूप से खरीदा जाना चाहिए।
होम लोन चुकाने के लिए: वेबसाइट के मुताबिक ईपीएफ मेंबर कुछ शर्तों के साथ होम लोन को ईपीएफ खाते में जमा पैसे से चुका सकते हैं। ईफीएफ मेंबर 10 साल तक सेवा से जुड़े रहने के बाद ऐसी निकासी कर सकते हैं। ऐसी राशि 36 महीने की बेसिक सैलरी और डीए से कम ही होनी चाहिए।