उत्तर प्रदेश में लोगों को ज्यादा प्रॉफिट का लालच देकर ठगी का शिकार बनाया गया. ठगी भी करीब 600 करोड़ की हुई. मामला प्रकाश में आने के बाद जांच शुरू कर दी गई. प्रवर्तन निदेशालय द्वारा शिकंजा कसते ही इस फ्रॉड से पर्दे उठना शुरू हो गया. मामले में लखनऊ के रहने वाले अजीत सिंह मुख्य आरोपी निकले. 2020 में अजीत सिंह की गिरफ्तारी हो गई. ठगी करने के लिए बनाई गई कंपनी के खिलाफ कई केस दर्ज किए गए. इसके बाद अब अजीत सिंह की पत्नी और आईएफएस निहारिका सिंह पर केस दर्ज हुआ है.
प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले में अब आईएफएस निहारिका सिंह के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है. वहीं अजित सिंह को यूपी एसटीएफ ने गोमतीनगर से पहले ही गिरफ्तार कर लिया था. बताया गया है कि निहारिका सिंह का पति अजीत सिंह इस पूरे फ्रॉड का मास्टर माइंड रहा है. निहारिका सिंह इटली के भारतीय दूतावास में डेप्युटी चीफ ऑफ मिशन के तौर पर काम कर रही हैं.
बताया गया है कि साल 2010 में अनी बुलियन नाम की कंपनी बनाई गई, जिसमें लोगों को ज्यादा प्रॉफिट का लालच देकर फंसाया गया. कंपनी में लोगों से करोड़ों रुपये लगवाकर उन्हें ठगी का शिकार बनाया गया. विभिन्न राज्यों में पुलिस की ओर से दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर ईडी ने इस मामले में जांच शुरू की. केस में ईडी ने आरोप लगाया है कि मेसर्स एनी बुलियन इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड और अन्य संबद्ध कंपनियों का गठन निवेशकों को धोखा देने के लिए किया गया था.
बताया गया है कि लोगों को झांसा देकर मेसर्स अनी बुलियन ट्रेडर्स, अनी कमोडिटी ब्रोकर्स प्राइवेट लिमिटेड, आई विजन इंडिया क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी में निवेश कराया गया. लोगों को अच्छा रिटर्न देने का सपना दिखाया गया. निवेशकों को भरोसा हो सके, इसके लिए कंपनी की जमीन के जाली दस्तावेज दिखाए गए. इसके बाद में न तो कंंपनी ने निवेशकों को प्लॉट दिए और न हीं उनकी रकम लौटाई. दबाव पड़ने पर निवेशकों को समझाने के लिए पोस्ट डेटेड चेक जारी किए गए, जो बैंक में जमा करने पर बाउंस हो गए.