अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने डीएमजेड यानी डीमिलिट्राइज्ड जोन में मुलाकात की है। डीएमजेड उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया को विभाजित करने वाले असैन्यकृत इलाका है। इसके दोनों ओर दोनों देशों की सेनाओं की भारी मौजूदगी रहती है। यह दोनों देशों के बीच बफर जोन के रूप में काम करने के लिए कोरियाई आर्मिस्टिस समझौते के प्रावधानों द्वारा स्थापित किया गया है।
कब हुआ निर्माण-
1953 में कोरियाई युद्ध समाप्त होने के बाद उत्तर कोरिया, चीन और संयुक्त राष्ट्र के बीच समझौते होने के बाद इसका निर्माण हुआ था। यह 250 किलोमीटर लंबा है, और लगभग 4 किलोमीटर (2.5 मील) चौड़ा है।
हथियारों पर है प्रतिबंध-
डीएमजेड के भीतर भारी हथियारों पर प्रतिबंध है। गश्त की अनुमति है, लेकिन एमडीएल को पार नहीं किया जा सकता है और दोनों तरफ से 1,000 से अधिक लोगों को किसी भी समय क्षेत्र के अंदर अनुमति नहीं दी जाती है। यह खदानों से भी घिरा हुआ है।
रहता है भारी सैन्य जमावड़ा-
डीएमजेड के दोनों तरफ भारी सैन्य जमावड़ा रहता है। इस इलाके में न सिर्फ कंटीली तारें लगी हैं, बल्कि वहां बहुत सी बारूदी सुरंगें भी बिछाई गई हैं। निगरानी के लिए बहुत सारे कैमरे भी लगे हैं और चौबीस घंटे दोनों तरफ सेना के टैंक भी तैनात रहते है।
अंदर बसा है एक गांव-
इसके अंदर एक संयुक्त सुरक्षा क्षेत्र है। जिसे पनमुनजोम भी कहा जाता है, जो कि एक गांव है। हर साल हजारों लोग इस क्षेत्र का दौरा करने आते हैं। यही एक मात्र जगह है जहां दोनों देशों के सैनिक कुछ ही फिट की दूरी पर आमने-सामने खड़े होते हैं। यहां आने वाले पर्यटकों को संयुक्त राष्ट्र प्रशासित सम्मेलन कक्ष की माध्यम से उत्तर कोरियाई क्षेत्र में आधिकारिक तौर पर कदम रखने का मौका भी मिलता है। 2017 में 105,000 से अधिक पर्यटकों ने जेएसए का दौरा किया था। जबकि लगभग 30,000 उत्तर कोरिया से थे। इसके केंद्र में सैन्य सीमांकन रेखा (एमडीएल) है, जहां युद्ध विराम पर हस्ताक्षर हुए थे। समझौते के तहत दोनों पक्ष 2,000 मीटर तक अपनी सेना वापस खींचने पर सहमत हुए।
क्यों है खतरनाक-
1976 में स्पष्ट दृश्य देखने के लिए चिनार का पेड़ काट रहे दो अमेरिकी सैनिकों की उत्तर कोरियाई सैनिकों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ने एक बार दक्षिण कोरिया के दौरे पर कहा था कि डीएमजेड धरती पर सबसे खतरनाक जगह है। 2002 में उत्तर कोरिया की यात्रा पर गए जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने इसे बुराई की धुरी कहा था।
करते थे प्रचार-प्रसार-
डीएमजेड पर दोनों देश बड़े-बड़े लाउडस्पीकरों के जरिए एक दूसरे के खिलाफ प्रचार-प्रसार करते रहे हैं। लेकिन पिछले साल दोनों देश इसे बंद करने में सहमत हो गए।
दूरी- यह दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल से 60 किमी दूर और उत्तर कोरिया की राजधानी प्योंगयांग से 210 किमी दूर है।