Delhi assembly Election 2020: दिल्ली में डेयरी मालिकों को जल्द ही बड़ी राहत मिलने जा रही है। अब उनसे खूंटा टैक्स नहीं लिया जाएगा। खूंटा बदल नियम भी लागू होगा। इसके तहत डेयरी फार्म इलाके में पशुओं को धूप के लिए खुले क्षेत्र में बांधा जा सकेगा। बिजली के बिल का भुगतान कृषि श्रेणी के तहत लिया जाएगा। जल बोर्ड यहां के लिए पानी देगा। पशुओं का बीमा कराया जा सकेगा। डेयरी फार्म के लिए उन्हें ऋण भी मिल सकेगा। दिल्ली सरकार इसके लिए नीति बना रही है।
दिल्ली में 1975-76 में आपातकाल के समय दिल्ली के रिहायशी इलाकों में चल रहीं डेयरियों को शहर से बाहर कर दिया गया था। उस समय दिल्ली में 10 डेयरी फार्म बनाए गए थे। जिसमें तीन डीडीए के अंतर्गत थे तथा सात नगर निगम के अंतर्गत थे। डीडीए ने डेयरी के लिए 200 और 212 गज के प्लॉट काटे थे। जिनमें 12 भैंस रखने की अनुमति दी गई थी। इन डेयरी मालिकों से तभी से खूंटा टैक्स वसूला जा रहा है। बाद में इन डेयरियों को डूसिब के अधीन कर दिया गया। तभी से डूसिब खूंटा टैक्स वसूल रहा है जो प्रति पशु प्रति वर्ष का 20 रुपये है। नगर निगम डेयरियों के लिए लाइसेंस देता है। डेयरी मालिकों की मानें उनके कारोबार से 2 लाख परिवारों को रोजगार मिलता है।
क्या होता है खूंटा टैक्स
दिल्ली के तीन डेयरी फार्म दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डूसिब) के तहत आते हैं। इनमें गाजीपुर, मदनपुर व मसूदपुर शामिल हैं। डूसिब डेयरी के लिए लाइसेंस नहीं देता है, बल्कि प्रति वर्ष प्रति पशु के हिसाब से 20 रुपये खूंटा टैक्स लेता है। जबकि नगर निगम अपने क्षेत्र में आ रहे डेयरी के लिए लाइसेंस देते हैं।
क्या क्या होंगी सुविधाएं
- 212 गज के प्लॉट पर 12 की जगह रख सकेंगे 27 भैंसें।
- डेयरी फार्मो का बिजली का बिल होगा कृषि श्रेणी के रेट पर।
- डेयरी फार्म के लिए जल बोर्ड कनेक्शन देगा।
- डेयरी में रखे जाने वाले पशुओं का उनके मालिक बीमा करा सकेंगे।
- पशुओं पर लगाया जाने वाला खूंटा टैक्स हटेगा।
- डेयरी फार्म के पार्को में बीमार पशुओं को भी घुमाने की इजाजत होगी।
- गोबर डालने के लिए डेयरी फार्म के बाद हौदी बनेगी। जिसमें डेयरी वाले गोबर डालेंगे। वहां से एमसीडी वाले गोबर उठाएंगे। डेयरी फार्म के लिए ऋण भी मिल सकेगा।
कहां कहां हैं डेयरी फार्म
- डूसिब के अंतर्गत
- गाजीपुर डेयरी फार्म
- मदनपुर खादर डेयरी फार्म
- मसूदपुर डेयरी फार्म
नगर निगम के अंतर्गत
- घड़ौली डेयरी फार्म
- भलस्वा डेयरी फार्म
- गोयला डेयरी फार्म
- नंगली डेयरी फार्म
- झड़ौदा डेयरी फार्म
- शाहाबाद डेयरी फार्म
- घोगा डेयरी फार्म।
संतराम प्रधान (अध्यक्ष, गाजीपुर डेयरी फार्म) के मुताबिक, हम लोग वर्षों से परेशानी झेल रहे थे। हमारी कोई सुनने वाला नहीं था। आज दिल्ली में जब लोगों को दूध के नाम पर क्या-क्या पीने को मिल रहा है। ऐसे माहौल में भी हम लोगों को शुद्ध दूध उपलब्ध करा रहे हैं। अकेले गाजीपुर डेयरी फार्म से ही प्रतिदिन 5 हजार लीटर से अधिक दूध का उत्पादन किया जा रहा है। दिल्ली की आप सरकार ने हमारी सुनी है। अब हम भी बेहतर तरीके से अपना कारोबार कर सकेंगे।
आदेश कुमार प्रधान (नंगली डेयरी फार्म) का कहना है कि हम लोगों पर सदैव तलवार लटकी रहती थी। जबकि हमारे कारोबार को बढ़ावा दिया जाना चाहिए था। हम लोगों को डेयरी फार्म के लिए ऋण नहीं मिलता है। पशुओं का बीमा नहीं होता है। बिजली का बिल महंगे दामों पर लगता है।