दिल्ली से झपटे गए कीमती मोबाइल फोन का इस्तेमाल नेपाल और बांग्लादेश भेजे जा रहे हैं। इसका खुलासा तब हुआ जब दक्षिण पश्चिम जिला पुलिस ने गाजियाबाद लोनी में दबिश देकर फोन खरीदने वाले मुख्य आरोपी और फोन का लॉक तोड़ने वाले दुकानदार को गिरफ्तार किया।
मुख्य आरोपी का भाई मौके से फरार हो गया। मुख्य आरोपी अपने भाई के साथ झपटमारों से फोन खरीदता था और लोनी में मोबाइल की दुकान चलाने वाले से लॉक तुड़वाकर उन्हें नेपाल और बंगलादेश भेज देता था। इनके कब्जे से 153 मोबाइल फोन और फोन में लगे लॉक तोड़ने वाला सॉफ्टवेयर बरामद किया गया है।
बदमाशों की पहचान सरवती विहार लोनी गाजियाबाद यूपी निवासी मोनू और कीर्ति विहार निवासी सुधीर जैन के रूप में हुई है। पुलिस मुख्य आरोपी के भाई की तलाश में दबिश दे रही है। मोनू अपने भाई राहुल के साथ चोरी के महंगे मोबाइल फोन खरीदता था। सुधीर लोनी में एक मोबाइल रिपेयरिंग की दुकान चलाता है। उसपर चोरी के चार मामले दर्ज हैं।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि 21 नवंबर को साउथ कैंपस इलाके में अक्षत खन्ना से बदमाशों ने उनका आई फोन झपट लिया। घटना के समय वह ऑटो से मोतीबाग के पास से गुजर रहे थे। शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया। जिला की झपटमारी निरोधक शाखा को जांच सौंपी गई। निरीक्षक मुकेश कुमार के नेतृत्व में पुलिस ने झपटे गए मोबाइल फोन की तकनीकी जांच की। जांच में पता चला कि फोन की आखिरी लोकेशन यूपी के लोनी गाजियाबाद में थी। जहां फोन को बंद किया गया था। पुलिस टीम उस लोकेशन पर पहुंची। वहां मोबाइल रिपेयरिंग की दुकान मिली।
तलाशी के दौरान दुकान से छीना गया आई फोन मिल गया। साथ ही पुलिस ने वहां से चोरी के 53 अन्य मोबाइल फोन बरामद कर लिए। पुलिस ने दुकानदार सुधीर जैन को गिरफ्तार कर लिया।
पूछताछ में सुधीर ने बताया कि बरामद सभी मोबाइल फोन उसे मोनू और उसके भाई राहुल ने लॉक खोलने के लिए दिए थे। पुलिस ने दुकान से एक लैपटॉप बरामद किया जिसमें मोबाइल लॉक खोलने का सॉफ्टवेयर था। पुलिस ने उसके निशानदेही पर लोनी गाजियाबाद से मोनू को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने उसके घर से चोरी के 99 मोबाइल फोन बरामद किया।
रजिस्टर से खुले राज
पुलिस ने मोनू के घर से एक रजिस्टर बरामद किया है, जिसमें कई राज हैं। इस रजिस्टर में मोनू और उसका भाई चोरी हुए मोबाइल फोन का रिकॉर्ड रखता था। रजिस्टर में वह फोन खरीदने की तारीख, किस चोर से कितने फोन लिए और उनको कितने का भुगतान किया गया, आदि हिसाब रखता था। रजिस्टर के मुताबिक मोनू अपने भाई के साथ मिलकर यूसुफ, विनय, फुरकान, गोलू, अमजद सहित अन्य झपटमारों से फोन खरीदता था। फोन खरीदने के बाद वह सभी फोन को अपने दोस्त सुधीर जैन को दे देता था। जो चोरी के मोबाइल फोन का लॉक तोड़ देता था।
आईएमईआई नंबर भी बदल देते थे
पुलिस अधिकारी ने बताया कि वह फोन का आईएमईआई नंबर भी बदल देते थे। इसके बाद राहुल चोरी किए गए फोन को नेपाल और बांग्लादेश भेज देता था। मोनू ने पूछताछ में बताया कि वह पिछले पांच साल से इस धंधे से जुड़ा हुआ है और अब तक करीब 10 हजार फोन को नेपाल और बांग्लादेश भेज चुका है। पुलिस ने इनकी गिरफ्तारी से 60 मामले सुलझाने का दावा किया है।