केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआइएसएफ) की तर्ज पर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने भी अपने जवानों के लिए विस्तृत सोशल मीडिया गाइडलाइंस जारी की हैं। बल ने कहा है कि सोशल मीडिया पर साझा की गई किसी भी सामग्री के लिए कर्मचारी व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार होंगे। सीआरपीएफ ने अपने जवानों को जातीय अपशब्दों, व्यक्तिगत अपमान या ऐसे किसी काम में संलिप्त नहीं होने की सलाह दी है, जो एक सरकारी कर्मचारी के रूप में स्वीकार्य नहीं है। इसमें अपने कार्य और सहकर्मियों के बारे में गपशप भी शामिल है।
केंद्रीय सुरक्षाबल ने अपने जवानों ने यह भी कहा है कि वे सरकारी नीतियों के बारे में कोई प्रतिकूल टिप्पणी न करें और न ही सार्वजनिक मंच पर कोई राजनीतिक या धार्मिक बयान दें। साथ ही अपनी वर्दी और पहचान पत्र के साथ प्रोफाइल फोटो पोस्ट करने से बचें क्योंकि इससे उनके संगठन की पहचान उजागर हो सकती है। सीआरपीएफ ने कहा कि जवानों को साइबर हमले और सोशल मीडिया पर जासूसी से बचाने के लिए ये गाइडलाइंस जारी की गई हैं।
CISF ने पहले जारी किए थे दिशा-निर्देश
इससे पहले केंद्रीय केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआइएसएफ) ने अपने करीब 1.62 लाख जवानों के लिए सोशल मीडिया के उपयोग को लेकर गाइडलाइंस जारी की थीं। इसमें उनसे ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे सभी प्लेटफॉर्म्स की उनकी यूजर आइडी संगठन को बताने के लिए कहा गया है। 31 जुलाई को जारी इन गाइडलाइंस का उल्लंघन करने वाले कर्मियों को सख्त कानूनी और अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना करना होगा।
सेना ने Facebook समेत 89 ऐप्स हटाने को कहा
इससे पहले भारतीय सेना ने अपने जवानों की सूचनाओं को लीक होने से रोकने के लिए अपने स्मार्टफोन से फेसबुक, टिक टॉक, ट्रू-कॉलर और इंस्टाग्राम सहित 89 ऐप्स हटाने के लिए कहा है। भारतीय सेना के सूत्रों के मुताबिक, सेना के जवानों को हाल ही में जारी किए गए निर्देशों में डेली हंट न्यूज़ ऐप के साथ टिंडर, काउच सर्फिंग जैसे डेटिंग ऐप्स और गेम्स में पब-जी को भी हटाने के लिए कहा गया है।