भारत बायोटेक (Bharat Biotech) द्वारा विकसित की जाने वाली कोविड-19 वैक्सीन के आम लोगों के बीच पहुंचने में देरी हो सकती है। दरअसल इस वैक्सीन का ह्यूमन क्लिनिकल ट्रायल एम्स (All India Institute of Medical Sciences, AIIMS) में जारी है लेकिन तीसरे चरण के दौरान ट्रायल शॉट लेने के लिए इसके पास लोग नहीं हैं। इस प्रोजेक्ट के हेड ने यह बात आइएएनएस को बताई। कोवैक्सीन (Covaxin) ट्रायल के प्रिंसिपल इंवेस्टिगेटर संजय राय (Sanjay Rai) ने बताया कि इस बात की संभावना है कि सार्वजनिक उपयोग के लिए वैक्सीन आने में देर लग सकती है।
इस वैक्सीन के पहले चरण के ट्रायल में 375 प्रतिभागी शामिल थे। वहीं तीसरे चरण में देश भर के 25 विभिन्न इलाकों से कुल 25,800 प्रतिभागियों का होना जरूरी है। पहले चरण के ट्रायल के परिणाम के बारे में बताते हुए संजय राय ने कहा कि इससे पता चलता है कि वैक्सीन सुरक्षित है और इससे होने वाले साइड इफेक्ट भी मामूली है जिन्हें नजरअंदाज किया जा सकता है।
एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा विकसित व सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित कोविशील्ड के साथ भारत बायोटेक ने कोवैक्सीन की इमरजेंसी उपयोग (Emergency Use Authorisation, EUA) के लिए ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) से अनुमति मांगी है। अनुमति के लिए भेजा गया एप्लीकेशन मंजूरी के लिए सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी (SEC) के पास लंबित है। यहां वैक्सीन की सुरक्षा और इसकी क्षमता और प्रभाव को लेकर जवाब मांगा गया है।