कोरोना के संक्रमण काल में भी उद्योगों को तमाम राहत देने के साथ ही सरकार औद्योगिकीकरण के लिए व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करने में जुटी है। लंबे समय तक खाली पड़े औद्योगिक क्षेत्रों की स्थिति देखते हुए ही निर्णय लिया गया है कि अब एक वर्ष में यदि उद्यमी ने वहां इकाई न लगाना शुरू न किया तो भूखंड का आवंटन निरस्त कर दिया जाएगा।
मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन के निधन के कारण घोषित हुए तीन दिवसीय राजकीय शोक के चलते मंगलवार को कैबिनेट की बैठक नहीं हो सकी। ऐसे में कुछ प्रस्ताव कैबिनेट बाइ सर्कुलेशन मंजूर कराए गए हैं। इनमें औद्योगिक विकास विभाग के तीन प्रमुख प्रस्ताव हैं। औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने बताया कि अभी तक औद्योगिक भूखंड पर इकाई लगाने के लिए काफी समय दिया जाता था। उसके बाद समय विस्तारण शुल्क के भुगतान से समय दे दिया जाता था। सरकार चाहती है कि भूखंड को निवेश के मकसद से नहीं, बल्कि उद्योग लगाने के लिए ही आवंटित कराएं, ताकि औद्योगिक विकास को गति दी जा सके।
इसके लिए ही निर्णय किया गया है कि अब एक वर्ष के अंदर आवंटित भूखंड पर उद्योग लगाने की प्रक्रिया शुरू करनी होगी। इसके बाद आवंटन को निरस्त कर दिया जाएगा। इसी समय सीमा के अनुसार ही समय विस्तारण आदि की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा। इसके अलावा प्रदेश में लॉजिस्टिक उद्योग को भी बढ़ावा देने का मकसद है। इसके प्रति उद्यमियों की रुचि भी नजर आ रही है। कुछ दिन पहले तय हुआ था कि लॉजिस्टिक पार्क के लिए भूमि औद्योगिक दर से डेढ़ गुना कीमत पर दी जाएगी। अब इसमें और राहत देते हुए कैबिनेट ने निर्णय कर वेयर हाउसिंग और लॉजिस्टिक को भी उद्योग का दर्जा दे दिया है। इस तरह अब औद्योगिक दर पर ही वेयर हाउसिंग और लॉजिस्टिक पार्क के लिए भी जमीन दी जाएगी।
गीडा को भी मिला भूमि खरीद का अधिकार
औद्योगिक विकास मंत्री ने बताया कि गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण के पास अभी भूमि खरीद का पूर्ण अधिकार नहीं था। अब निर्णय किया गया है कि नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण की तरह ही गीडा भी अपने बोर्ड में प्रस्ताव लाकर कोई जमीन खरीद या अधिग्रहीत कर सकता है। यह गोरखपुर क्षेत्र में औद्योगिक विकास को गति देने की दिशा में फैसला किया गया है।
यह भी फैसले
– बदायूं विधानसभा क्षेत्र में राजकीय इंटर कालेज की घोषणा मुख्यमंत्री ने की थी, जिसकी स्थापना के लिए सिंचाई विभाग की जमीन माध्यमिक शिक्षा विभाग को हस्तांतरित की जाएगी।
– प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (पीएम कुसुम) योजना के तहत किसानों की भूमि पर स्टैंड एलोन सोलर पंप लगाए जाने हैं। इसमें 2020-21 से 2024-25 तक की कार्ययोजना बनाई जानी है, जिसके क्रियान्वयन को मंजूरी दे दी गई है।