मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी पुलिस को देश का नंबर एक पुलिस बनाने के लिए खजाना खोल दिया है। गृह विभाग की तरफ से साढ़े छह सौ करोड़ से अधिक की धनराशि खर्च कर यूपी पुलिस को हाईटेक किया जा रहा है। जल्द ही यूपी पुलिस बाडी वार्न कैमरा और फुल बाडी प्रोटेक्टर से लैस होगी। साथ ही प्रदेश के 10 जिलों में हाईटेक सोशल मीडिया मानिटरिंग सेल और लॉ एंड आर्डर क्यूआरटी टीम स्थापित की जाएगी। क्राइम सीन वीडियोग्राफी ऐप की मुजफ्फरनगर, बाराबंकी और अलीगढ़ में शुरूआत हो चुकी है। जल्द अन्य जिलों में भी शुरूआत होगी।
गृह विभाग ने पुलिस आधुनिकीकरण योजना के तहत 1200 बाडी वार्न कैमरा खरीदने के लिए 4.8 करोड़ और 1650 फुल बाडी प्रोटेक्टर फार वीमेन की खरीद के लिए 2.48 करोड़, 30,000 पोस्टमार्टम किट खरीदने के लिए छह करोड़ की स्वीकृति दी है। 10 जिलों में करीब 641 करोड़ रुपए खर्च कर उच्चीकृत सोशल मीडिया मानिटरिंग सेल की स्थापना होने वाली है और 10 अन्य जिलों में हाइटेक लॉ एंड आर्डर के लिए क्यूआरटी टीम स्थापना की जा रही है। इसके अलावा 6.75 करोड़ की लागत से एसआईटी, ईओडब्ल्यू, सीबीसीआईडी और एसीओ के जांच और विवेचना के लिए एक डेडिकेटेड एफएसएल की स्थापना की जाएगी। कन्नौज में डेडिकेटेट मिनी टेक्निकल लैब विकसित किया जा रहा है।
अन्य जिलों में क्राइम सीन वीडियोग्राफी ऐप जल्द होगा लागू
एनसीआरबी की ओर से विकसित क्राइम सीन वीडियोग्राफी ऐप को पहले फेज में मुजफ्फरनगर, बाराबंकी और अलीगढ़ में शुरू किया गया है। प्रदेश के अन्य जिलों में इसे लागू करने के लिए कार्य योजना तैयार की गई है और तकनीकी सेवा मुख्यालय पर पूरी प्रक्रिया के लिए तकनीकी समिति गठित की गई है। कन्नौज, अलीगढ़, गोंडा और बरेली में फोरेंसिक लैब संचालित की जा चुकी है। अन्य 66 जिलों में अस्थायी फील्ड यूनिट की स्थापना हुई है। शेष जिलों में शीघ्र डेडीकेटेड अस्थायी फील्ड यूनिट की स्थापना की जा रही है।
अपने भवनों में होंगे परिक्षेत्रीय साइबर थाने
प्रदेश के सभी 1531 थानों में साइबर हेल्प डेस्क की स्थापना हो चुकी है और नियुक्त कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। 18 परिक्षेत्रीय साइबर थानों के प्रशासनिक भवन निर्माण सम्बन्धी कार्यवाही की जा रही है। सात परिक्षेत्रीय साइबर थानों वाराणसी, झांसी, बस्ती, अलीगढ़ आजमगढ़, गोरखपुर और बांदा के लिए कार्यदायी संस्था नामित किया गया है।