CM योगी ने जनपद के बाढ़ एवं आपदा राहत कार्यों की समीक्षा की…

  • मुख्यमंत्री ने जनपद इटावा के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया
  • बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत सामग्री का वितरण
  • प्रत्येक बाढ़ प्रभावित गांव के लिए एक-एक नोडल अधिकारी तैनात किया जाए, प्रत्येक गांव में 02-02 पुलिस कर्मियों की तैनाती किए जाने तथा पुलिस पैट्रोलिंग बढ़ाए जाने के निर्देश
  • जब तक बाढ़ का प्रभाव रहे, तब तक एन0डी0आर0एफ0, एस0डी0आर0एफ0 एवं पी0ए0सी0 की टीमें तैनात रहें
  • बाढ़ प्रभावित लोगों को हर हाल में राहत सामग्री और फूड पैकेट्स उपलब्ध कराए जाएं
  • जनप्रतिनिधियों के माध्यम से बाढ़ प्रभावित प्रत्येक परिवार को राशन किट वितरित कराए जाने, एण्टी स्नेक वेनम इंजेक्शन की उपलब्धता सुनिश्चित करने तथा राहत सामग्री वितरण की व्यवस्था को और सुदृढ़ किए जाने के निर्देश
  • बाढ़ का पानी कम होने की स्थिति में संक्रामक रोगों के फैलने के दृष्टिगत बाढ़ प्रभावित गांवों में ब्लीचिंग पाउडर, चूने का छिड़काव कराया जाए
  • साफ-सफाई के पर्याप्त प्रबन्ध सुनिश्चित किए जाएं, जिससे लोगों को संक्रामक बीमारियों से बचाया जा सके
  • तलहटी में बसे गांवों के निवासियों का पुनर्वास किया जाए
  • बाढ़ प्रभावित गांवों में पशुओं के चारे एवं उनके उपचार की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश
लखनऊ:  उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज जनपद इटावा के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया। तत्पश्चात् उन्होंने पुलिस लाइंस में बाढ़ प्रभावित लोगों से भेंट की। इस अवसर पर उन्होंने प्रभावितों को राहत सामग्री वितरित की। उन्होंने पुलिस लाइंस सभागार में जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों के साथ बैठक कर बाढ़ एवं आपदा राहत कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने जनपद में आपदा राहत कार्यों की जानकारी प्राप्त की।
 मुख्यमंत्री जी ने समीक्षा बैठक में कहा कि प्रत्येक बाढ़ प्रभावित गांव के लिए एक-एक नोडल अधिकारी तैनात किया जाए। उन्होंने प्रत्येक गांव में 02-02 पुलिस कर्मियों की तैनाती किए जाने तथा पुलिस पैट्रोलिंग बढ़ाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने जनप्रतिनिधियों के माध्यम से बाढ़ प्रभावित प्रत्येक परिवार को राशन किट वितरित कराए जाने, एण्टी स्नेक वेनम इंजेक्शन की उपलब्धता सुनिश्चित करने तथा राहत सामग्री वितरण की व्यवस्था को और सुदृढ़ किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राहत व बचाव कार्य तेजी से संचालित किए जाएं। हर प्रभावित गांव मंे नौकाओं व जेनरेटर की व्यवस्था की जाए। बाढ़ का पानी कम होने की स्थिति में संक्रामक रोगों के फैलने के दृष्टिगत बाढ़ प्रभावित गांवों में ब्लीचिंग पाउडर, चूने का छिड़काव कराया जाए। साफ-सफाई के पर्याप्त प्रबन्ध सुनिश्चित किए जाएं, जिससे लोगों को संक्रामक बीमारियों से बचाया जा सके।
मुख्यमंत्री जी ने तलहटी में बसे गांवों के निवासियों का पुनर्वास किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जब तक बाढ़ का प्रभाव रहे, तब तक एन0डी0आर0एफ0, एस0डी0आर0एफ0 एवं पी0ए0सी0 की टीमें तैनात रहें। उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित लोगों को हर हाल में राहत सामग्री और फूड पैकेट्स उपलब्ध कराए जाएं। उन्होंने मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को बाढ़ प्रभावित गांवों में पशुओं के चारे एवं उनके उपचार की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग व पंचायतीराज विभाग को समन्वय कर गांव में क्लोरीन की गोलियां उपलब्ध कराए जाने की बात कही, जिससे दूषित पानी को शुद्ध कर पेयजल की व्यवस्था की जा सके।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का भ्रमण किया जा रहा है और लोगों को राहत सामग्री व फूड पैकेट्स वितरित कराए जा रहे हैं। 20 बाढ़ चौकियां स्थापित हैं। 03 शिफ्टों में कर्मचारियों की ड्यूटी लगायी गई है। विद्युत आपूर्ति प्रभावित होने की स्थिति में सोलर लाइटों का प्रबन्ध किया जा रहा है। तहसील चकरनगर क्षेत्र के अधिक गांव बाढ़ प्रभावित हैं, वहां पर अतिरिक्त उप जिलाधिकारियों की तैनाती की गई है।
इस अवसर पर कृषि मंत्री श्री सूर्य प्रताप शाही सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण तथा शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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