मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि साहित्य को अपना जीवन समर्पित करने वाले महान साहित्यकारों को सम्मानित किया जाना मेरे लिए गौरवपूर्ण क्षण है। साहित्य समाज का दर्पण होता है। इससे समाज की दिशा तय होती है। इसलिए यह दर्पण उतना ही साफ-सुथरा होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारी लेखनी ऐसी होनी चाहिए जो मार्ग दर्शक के रूप में समाज को नई दिशा दे सके।
जहां भी हम अपनी लेखनी को खेमें में बांधने का प्रयास करेंगे, क्षेत्रीयता, जातीयता या उन संकर्णता में बांटने का प्रयास करेंगे, तो इससे समाज और राष्ट्र की अपूर्णीय क्षति होगी। इसके साथ ही समाज भ्रमित भी होगा, खासकर युवा पीढ़ी के सामने ऐसी स्थिति पैदा होती है। एक भ्रमित समाज कभी अपने लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर सकता है। यह सुनिश्चित करना सभी लेखकों की जिम्मेदारी है कि ऐसी स्थिति उत्पन्न न हो।
उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान के 43वें स्थापना दिवस के अवसर पर सोमवार को साहित्यसेवियों का सम्मान किया गया। पुरस्कृत होने वाले साहित्यकारों और लेखकों के नामों की घोषणा सितंबर महीने में की गई थी। इस अवसर पर यशपाल सभागार में आयोजित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सीएम योगी ने कहा कि संविधान के अनुरूप शासन की व्यवस्था को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी समाज की है। उन्होंने कहा कि आज का समय हम सभी के लिए चुनौतीपूर्ण समय है और खासकर सहित्य के क्षेत्र में कार्य करने वाले लोगों के लिए। सभी साहित्यकारों से मेरी अपील है कि हमें समाज की ज्वलंत समस्याओं को एक रचनात्मक दिशा देने के लिए अपनी लेखनी से ऐसे प्रयास करने चाहिए, जिनमें व्यापक लोक कल्याण और राष्ट्र कल्याण का भाव निहित हो।
सीएम योगी ने कहा कि आज जहां प्रतिष्ठित साहित्यकारों का सम्मान हो रहा है, वहीं यूपी बोर्ड की परीक्षाओं में जिन छात्रों हिंदी साहित्य में अच्छा स्थान प्राप्त किया उन्हें भी सम्मानित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हिंदी राज भाषा के साथ-साथ एकता का आधार भी बने, इसलिए देश के अलग-अलग क्षेत्रों से आए हुए लोगों का सम्मान किया जा रहा है।
विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यक्रम में वर्ष 2018 के सम्मान व पुरस्कार भी प्रदान किये गए। वर्ष 2018 का पांच लाख की धनराशि वाला सर्वोच्च भारत भारती सम्मान पटना की डॉ. उषा किरन खान को दिया गया। इसके अलावा चार लाख धन राशि वाला लोहिया साहित्य सम्मान पटियाला के डॉ. मनमोहन सहगल, हिंदी गौरव सम्मान वाराणसी के डॉ. बदरीनाथ कपूर, महात्मा गांधी साहित्य सम्मान भागलपुर के भगवान सिंह, पं. दीनदयाल उपाध्याय साहित्य सम्मान लखनऊ के डॉ. ओम प्रकाश पांडेय, अवन्तीबाई साहित्य सम्मान दिल्ली के कमल कुमार, राजर्षि पुरुषोत्तमदास टंडन सम्मान मणिपुर हिंदी परिषद इम्फाल को दिया जाएगा। इसके अलावा दो लाख धनराशि वाला साहित्य भूषण सम्मान समेत अन्य विभिन्न श्रेणियों में साहित्यकारों को सम्मानित किया गया।
जगतगुरु रामानन्दाचार्य (स्वामी रामभद्राचार्य), डॉ. सुरेश प्रकाश शुक्ल (लखनऊ), रामदेव लाल विभोर (लखनऊ), डॉ. आद्या प्रसाद द्विवेदी गोरखपुर, डॉ. पूरन चन्द टंडन दिल्ली, सुरेश बाबू मिश्र बरेली, वीरेंद्र आस्तिक कानपुर, डॉ. प्रताप नारायण मिश्र बाराबंकी, डॉ. रामसनेही लाल शर्मा फिरोजाबाद, डॉ. सूर्यपाल सिंह गोंडा, चंद्रिका प्रसाद कुशवाहा उन्नाव, डॉ. इन्दीवर पाण्डेय वाराणसी, डॉ. शशि तिवारी आगरा, नवनीत मिश्र लखनऊ, जगदीश तोमरए ग्वालियर, डॉ. बद्री प्रसाद पंचोली अजमेर, डॉ. भगवान शरण भारद्वाज बरेली, डॉ. उषा चौधरी लखनऊ, डॉ. श्यामसुन्दर दुबे मध्य प्रदेश, अशोक अग्रवाल हापुड़।