मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अधिकारियों को एक बार फिर मितव्ययता बरतने के निर्देश दिए है। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा है कि विभिन्न क्षेत्रों में प्रवास के दौरान उन्होंने महसूस किया है कि कार्यक्रम स्थल की साज-सज्जा में बड़ी राशि का व्यय होती है। उन्होंने कहा है कि भविष्य में उनके प्रवास के दौरान मण्डप, शामियाना और साज-सज्जा में अनावश्यक व्यय न किया जाए और मितव्ययता के साथ न्यूनतम आवश्यक व्यवस्थाएं की जाएं। मुख्यमंत्री ने इसके लिए प्रदेश के मुख्य सचिव को संबंधितों को निर्देशित करने को कहा है।
मंत्री रविन्द्र चौबे ने इस दौरान कहा कि आज जनता भूपेश सरकार के साथ है। केन्द्र की मोदी सरकार धान का 1825 दे रही है, वही भूपेश सरकार 2500 रुपये दे रही है। शराबबंदी पर भाजपा नौटंकी कर रही है। शराबबंदी के लिए कमेटी में भाजपा शामिल नहीं हुई। वह गंभीर नहीं है।
भाजपा छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विरासत से प्रेम नहीं कर रही है। जनता उसे जवाब जरूर देगी। भूपेश बघेल के काम का विरोध करके डॉ रमन सिंह ने सिद्ध कर दिया है कि उन्हें छत्तीसगढ़ की अस्मिता से कोई लेना देना नहीं है। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार है, वहां की सरकारें नही चाहती है कि विकास हो। नेशनल हाईवे पर एक भी काम नहीं हो रहा।
पार्षद चुनाव में जो लोग मोदी के चेहरे का इस्तेमाल कर रहे हैं, उन्हें मुंह की खानी होगी। देश इनकी दमनकारी नीतियों को समझ चुका है। चौबे ने कहा कि रमन सिंह जिस तरह अनर्गल प्रलाप कर रहे हैं, उससे जाहिर है कि उन्हें नगरीय निकाय चुनाव में हार का अहसास हो गया है। यह उसी की बौखलाहट है।
चौबे ने कहा कि चुनाव में हार जीत अलग अलग है, लेकिन जिस तरह से छत्तीसगढ़ी पंरपरा हमला किया है, उसे छत्तीसगढ़ के लोग कभी माफ नहीं करेगी। छत्तीसगढ़ में गेड़ी, सोटा, तीज त्योहार की परंपरा है, लेकिन उसे लेकर जिस तरह से मुख्यमंत्री पर हमला किया गया, वो बेहद अपमानजनक है। छत्तीसगढ़ में अगर सबसे झूठा कोई है वो डॉक्टर रमन हैं।