CM कैप्‍टन अमरिंदर सिंह ने माना-दिल्‍ली में प्रदूषण व स्‍मॉग की स्थिति के लिए पंजाब भी है जिम्‍मेदार

पंजाब के मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह ने माना है कि दिल्‍ली में प्रदूषण व स्‍मॉग की स्थिति के लिए पंजाब भी जिम्‍मेदार है, लेकिन उसे पूरा दोष नहीं दिया जा सकता है। दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल को इस पर राजनीति करना छोड़कर खुद के यहां की स्थिति को देखना चाहिए। इसके साथ ही प्रदूषण को लेकर हाहाकार मचने के बाद पंजाब सरकार ने पराली जलाने वाले किसानों पर और सख्ती शुरू कर दी है। रविवार को तरनतारन व फतेहगढ़ साहिब में पराली जलाने पर 40 किसानों के खिलाफ केस दर्ज किया गया।

पराली जलाने पर एक ही दिन में 40 किसानाें पर केस, पांच गिरफ्तार

फतेहगढ़ साहिब में पांच किसानों को गिरफ्तार भी किया गया है। सरकार ने सख्ती करने के साथ ही लोगों की सेहत के खतरे को देखते हुए एहतियाती कदम भी उठाने शुरू कर दिए हैं। सेहत विभाग की डायरेक्टर डॉ. अवनीत कौर ने सभी जिलों के सिविल सर्जनों को पत्र जारी कर अलर्ट रहने को कहा है।

अमरिंदर ने कहा, राजधानी में प्रदूषण के कई कारण, केजरीवाल समस्या हल करने के बजाय सियासत कर रहे

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने एक बार फिर कहा है कि दिल्ली में प्रदूषण बढ़ने के लिए सारा दोष पंजाब पर मढ़ना ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की तरफ से आती हवाओं समेत पश्चिमी चक्रवात से दिल्ली में स्मॉग के लिए पंजाब की भूमिका तो है, लेकिन सिर्फ वही दोषी नहीं है। दिल्ली में प्रदूषण के कई कारण हैं। आंकड़े भी यह बात बताते हैैं, लेकिन समस्या को सुलझाने की बजाय दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल राजनीतिक खेल खेल रहे हैं।

मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा कि हाई कोर्ट द्वारा किसानों को बीते वर्ष किए जुर्मानों की वसूली करने पर रोक लगाने के बावजूद राज्य सरकार पराली जलाने वाले किसानों के विरुद्ध कार्रवाई कर रही है। वायु प्रदूषण की समस्या को रोकने के लिए उनकी सरकार बेहद संजीदा है। दिल्ली में वायु प्रदूषण को लेकर बीते दिनों प्रधानमंत्री को पत्र भी लिखा है। अभी तक वहां से कोई जवाब नहीं आया है, लेकिन उम्मीद है कि वे उस पर सकारात्मक विचार करेंगे।

तीन हजार किसानों पर कार्रवाई, पिछले साल से कम जल रही पराली

मुख्यमंत्री ने कहा कि अब तक करीब तीन हजार किसानों के विरुद्ध कार्रवाई की गई है। पिछले साल के मुकाबले इस बार पराली कम जल रही है। कुल मामलों में दस से बीस फीसद तक की कमी आने की पूरी संभावना है। इस वर्ष राज्य सरकार को अब तक प्राप्त रिपोर्टों के मुताबिक करीब तीस हजार मामले पराली जलाने के सामने आए हैं जो कि पिछले साल से आधे हैं, जबकि 70 फीसद धान की फसल काटी जा चुकी है।

किसानों पर 41.62 लाख जुर्माना

कैप्टन अमरिंदर ने कहा कि पराली जलाने से रोकने के लिए राज्य सरकार द्वारा गठित की टीमों ने एक नवंबर तक पराली को आग लगाने के 11,286 घटनास्थलों का दौरा किया है। प्रदूषण फैलाने पर 41.62 लाख रुपये जुर्माना किसानों पर लगाया है।

किसानों पर कार्रवाई ही पर्याप्त नहीं

मुख्यमंत्री का मानना है कि इस समस्या से निपटने के लिए किसानों पर कार्रवाई के कदम काफी नहीं हैं। पंजाब में बहुत से किसान पांच एकड़ से कम जमीन के मालिक हैं। उनके लिए पराली का प्रबंधन करना आर्थिक तौर पर वाजिब नहीं। इस हालत में केंद्र सरकार की तरफ से मुआवजा देना ही एकमात्र हल है।

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अस्पतालों में स्पेशल वार्ड बनाने की हिदायत

सेहत विभाग की डायरेक्टर ने जिला स्तर, सब-डिवीजन, सीएचसी स्तर पर स्मॉग की वजह से बीमार होने वाले मरीजों के लिए पुख्ता प्रबंध करने को कहा गया है। अस्पतालों में ऑक्सीजन सिलेंडर, पर्याप्त मात्रा में दवाइयां रखने के साथ ही मेडिसिन तथा चेस्ट स्पेशलिस्ट डॉक्टरों को अलर्ट रखने की हिदायत दी गई है। विभाग ने अस्पतालों में एक स्पेशल वार्ड भी बनाने की हिदायत दी है जहां मरीजों को तुरंत इलाज मुहैया करवाई जा सके।

लोगों को जागरूक करने के लिए टीमें भी गठित की जा रही हैैं। अस्थमा, टीबी तथा श्वास रोगों के मरीजों को सलाह दी गई है कि बहुत जरूरी होने पर ही घर से निकलें। घर से निकलते समय बच्चे व बुजुर्ग मास्क जरूर लगाएं। किसी भी तरह की समस्या आने पर इमरजेंसी एंबुलेंस 108 डायल कर सुविधाएं प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा सेहत समस्याओं को लेकर विभाग के टोल फ्री नंबर 104 पर संपर्क कर सकते हैं।

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पटियाला में ईंट-भट्ठे चलाने व कूड़ा जलाने पर पाबंदी

पटियाला रविवार को एक्यूआइ 413 के साथ राज्य के प्रदूषित शहरों की लिस्ट में सबसे ऊपर रहा। डिप्टी कमिश्नर कुमार अमित ने वायु प्रदूषण को देखते हुए जिले में ईंट-भट्ठे चलाए जाने और कूड़े में आग लगाए जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। आदेश का उल्लंघन करने वालों विरुद्ध कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैैं।

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