मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में वित्तीय वर्ष 2020-21 के बजट की तैयारियों की समीक्षा की। इस सिलसिले में आयोजित बैठक में पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव से सम्बद्ध विभागों के बजट प्रस्तावों पर विस्तार से चर्चा की। विभागीय मंत्री सिंहदेव और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श कर ग्रामीण विकास की रूपरेखा और स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने की दिशा में कारगर कदम उठाए जाने की चर्चा की। बैठक में चिकित्सा शिक्षा और वाणिज्यिक कर (जी एस टी) विभागों के प्रस्तावों पर चर्चा की गई।
पंचायत मंत्री सिंहदेव की उपस्थिति में आयोजित बैठक में मुख्य सचिव आर पी मण्डल, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त अमिताभ जैन,अतिरिक्त मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास सुब्रत साहू, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव गौरव द्विवेदी, सचिव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण निहारिका बारिक सिंह, सचिव वित्त सुश्री सहला निगार, सचिव वाणिज्यिक कर रीना बाबा साहेब कंगले, राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के प्रबंध संचालक अभिजीत सिंह सहित अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।
इसके पहले 20 जनवरी को कृषि और जल संसाधन मंत्री रविंद्र चौबे की उपस्थिति में बैठक आयोजित कर कृषि एवं बायोटेक्नोलॉजी, पशुपालन, मत्स्य पालन, संसदीय कार्य और जलसंसाधन विभाग के बजट से संबंधित प्रस्तावों पर विस्तृत विचार विमर्श किया गया।
गौरतलब है कि इस बार छत्तीसगढ़ का बजट एक लाख करोड़ के पार जाने का अनुमान है। गत वर्ष 2019-20 का मूल बजट 95 हजार 899 करोड़ का था। बाद में तीन बार अनुपूरक बजट पेश हुआ। इसके बाद कुल बजट 1 लाख 787 करोड़ रुपये पहुंच गया था। इस लिहाज से इस बार का बजट एक लाख करोड़ स्र्पये से अधिक का होगा, ऐसा पूर्वानुमान लगाया जा रहा है।
बजट को लेकर मुख्यमंत्री विभागीय मंत्रियों के साथ अफसरों की अलग-अलग बैठक कर ग्रामीण विकास और मूलभूत सुविधाओं पर फोकस कर रहे हैं।
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