उसके बाद 18 सितंबर को उसने उनके समक्ष रिकार्ड किए गए बयानों में कबूला था कि उसने और उसके साथियों ने वारदात को अंजाम देने के लिए गाड़ी और विस्फोटक सामग्री का इस्तेमाल किया था। उसने कहा था कि उन्होंने 20 अगस्त को दिल्ली नंबर की अंबेसडर 30 हजार रुपये में खरीदी थी।
परमजीत सिंह हवारा के कहने पर वह परमजीत सिंह भ्यौरा के साथ चंडीगढ़ आया था। उसके बाद वह हवारा और अन्य दो साथी दिलवार सिंह और बलवंत सिंह के साथ विस्फोटक सामग्री खरीदने के लिए पटियाला के समीप गांव झिंगरा कलान गए थे। उन सभी ने मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या की साजिश रची थी।
वहीं तारा की मेडिकल संबंधी याचिका पर सुनवाई करते हुए अतिरिक्त जिला एवं न्यायाधीश ने जेल प्रशासन को आदेश दिए हैं कि अगले महीने गृहमंत्री के दौरे की वजह से तारा को एमआरआई के लिए जेल से बाहर लेकर नहीं जाएं। इसलिए नए सिरे से अर्जी दायर करें।
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