बिहार की सत्तारूढ़ JDU में मचे सियासी घमासान के बीच राज्य के सीएम नीतीश कुमार ने एक बड़ा ऐलान किया है. नीतीश कुमार ने कहा कि मरते दम तक भाजपा के साथ गठबंधन नहीं करेंगे. सीएम नीतीश ने कहा कि, मुझे मर जाना स्वीकार है, मगर भाजपा के साथ जाना नहीं. उन्होंने आगे कहा कि हम लोग अटलजी को मानने वाले लोग हैं. उन्होंने दावा किया कि हमने भाजपा को छोड़ दिया था, मगर वे जबरदस्ती पीछे पड़ कर साथ आए. 2020 में हम तो CM बनना ही नहीं चाहते थे, मगर इन्होंने जो किया सबने देखा. हम लोगों ने इन्हें कितनी इज्जत दी.

उन्होंने कहा कि, चुनाव तो होने दीजिए इस बार, सबको पता चल जाएगा कि कितनी किसकी सीटें आती हैं. बता दें कि, नीतीश कुमार का ये बयान ऐसे समय में आया है, जब उनकी पार्टी के नेता उपेंद्र कुशवाहा लगातार उन पर हमला बोल रहे हैं. उपेंद्र कुशवाहा ने दावा किया था कि, JDU के बड़े नेता भाजपा के संपर्क में हैं. इससे पहले जब उपेंद्र कुशवाहा AIIMS में एडमिट हुए थे, तब उनकी तस्वीर भी कुछ भाजपा नेताओं के साथ सामने आई थी. इसके बाद कुशवाहा के भाजपा में शामिल होने के कयास लगाए जाने लगे थे. हालांकि, कुशवाहा ने कहा कि वे JDU को छोड़कर नहीं जाएंगे.
इससे पहले बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और भाजपा के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा था कि अब भाजपा किसी भी कीमत पर नीतीश कुमार के साथ समझौता नहीं करेगी. सुशील कुमार मोदी ने कहा कि प्रदेश कार्यसमिति में बिहार प्रभारी विनोद तावड़े भी स्पष्ट कर चुके हैं कि नीतीश कुमार किसी भी गठबंधन के लिए अब बोझ बन गए हैं. नीतीश में वोट ट्रांसफर कराने की क्षमता समाप्त हो चुकी है. 2020 में यदि पीएम मोदी ने बिहार में प्रचार नहीं किया होता, तो JDU 15 सीट नहीं जीत पाती. उन्होंने कहा कि नीतीश के चले जाने से भाजपा प्रसन्न है.
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