
आप पंजाब में कर रही लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन की कोशिश
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि कांग्रेस पंजाब में किसी भी पार्टी के साथ समझौता नहीं करना चाहती। पंजाब में आप से समझौते का कोई चांस ही नहीं है। उनका कहना है कि दिल्ली में कुछ भी हो, इसका असर पंजाब में नहीं पड़ेगा। वहीं, प्रदेश प्रभारी आशा कुमारी का कहना है कि पंजाब में न तो कोई बात है और न ही इसकी कोई संभावना।
आप लोकसभा चुनाव के लिए दिल्ली और हरियाणा में गठबंधन की फरियाद कर रही है। दिल्ली में आप और कांग्रेस के बीच गठबंधन की बातचीत में गर्मी आने से पंजाब में भी यह राजनीतिक चर्चा शुरू हो गई है कि क्या पंजाब में भी इसकी कोई संभावना बन सकती है।
वहीं, आप पंजाब में बने अकाली दल टकसाली के साथ भी समझौते की बातचीत कर रही है, लेकिन यहां भी बड़ा पेंच फंसा हुआ है। क्योंकि दोनों ही पार्टियां श्री आनंदपुर साहिब की सीट नहीं छोडऩा चाहती। दोनों ही पार्टियों ने आनंदपुर साहिब से अपने प्रत्याशी की घोषणा कर दी है।
दिल्ली में आप और कांग्रेस का गठबंधन होता है, तो क्या पंजाब में इसकी कोई संभावना बन सकती है और इसका पंजाब में क्या असर पड़ सकता है? यह सवाल जब मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से पूछा गया तो उन्होंने कहा, इसकी कोई संभावना ही नहीं है। पार्टी हाईकमान को पहले ही स्पष्ट किया जा चुका है कि पंजाब में कांग्रेस अकेले ही चुनाव लड़ेगी।
अकेले दम पर ही लड़ेगी पार्टी
प्रदेश प्रभारी आशा कुमारी का कहना है कि पंजाब विधानसभा में आप विपक्ष में है। लोकसभा में हम आप के साथ जाए ऐसा कैसे हो सकता है। पंजाब में न तो गठबंधन का कोई प्रस्ताव है और न ही इसकी कोई संभावना है। कांग्रेस अकेले ही सभी सीटों पर लड़ेगी और जीतेगी। बता दें कि पंजाब विधान सभा में कांग्रेस 117 में से 78 सीटों पर काबिज है। संभवत: पंजाब विधानसभा के इतिहास में यह पहला मौका है, जब कोई भी पार्टी इतनी भारी बहुमत से सत्ता पक्ष में हो।
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